इंदौर। परिवार नियोजन के करीब 3.81 लाख आॅपरेशनों का कीर्तिमान कायम करने वाले मशहूर सर्जन डॉ. ललितमोहन पंत ने बुधवार को कहा कि देश के संसाधनों पर भारी दबाव के मद्देनजर जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द से जल्द बनाया जाना चाहिये। पंत ने 11 जुलाई को मनाये जाने वाले “विश्व जनसंख्या दिवस” से पहले “पीटीआई-भाषा” से कहा, “देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून वक्त की मांग है। यह कानून जल्द से जल्द बनाया जाना चाहिये।” उन्होंने कहा, “चूंकि हम एक लोकतांत्रिक देश हैं, नागरिकों के प्रजनन के नैसर्गिक अधिकार पर किसी भी किस्म की कानूनी रोक संभव नहीं लगती। लेकिन ऐसा कानून बनाये जाने पर जरूर विचार किया जाना चाहिये जिसमें दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर संबंधित दम्पति को कुछेक सरकारी सुविधाओं और योजनाओं के लाभ से वंचित किये जाने के प्रावधान हों।”
पंत ने कहा कि सरकारी प्रयासों और आम लोगों में बढ़ती जागरूकता के कारण देश के कई राज्यों में जनसंख्या स्थिरीकरण की ओर बढ़ रही है। बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के कारण नागरिकों की जीवन प्रत्याशा में भी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा, “जनसंख्या के बोझ के कारण देश के संसाधनों पर भारी दबाव जस का तस कायम है।” मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत 64 वर्षीय सर्जन ने कहा, “मैं गुजरे 37 सालों के दौरान करीब 3.81 लाख नसबंदी आॅपरेशन कर चुका हूं। मोटा अनुमान लगाया जाये, तो इन आॅपरेशनों से 10 लाख से ज्यादा संभावित जन्म रुके हैं।
दुनिया भर में किसी भी सर्जन ने इतने नसबंदी आॅपरेशन नहीं किये हैं।” उन्होंने बताया कि उन्होंने पहला नसबंदी आॅपरेशन वर्ष 1982 में किया था। वह मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश और दिल्ली में गुजरे बरसों में लगाये गये परिवार नियोजन शिविरों में भी नसबंदी आॅपरेशन कर चुके हैं। पंत, “दूरबीन वाले बाबा” के रूप में मशहूर हैं। इसका कारण यह है कि महिला नसबंदी की जिस पद्धति में उन्हें महारत हासिल है, उसके साथ “दूरबीन” का आमफहम शब्द जुड़ा है। उन्होंने कहा कि “बिना चीरा, बिना टांका, बिना दर्द” पद्धति के कारण पिछले वर्षों में नसबंदी को लेकर पुरुषों की मानसिकता बदली है। फिर भी नसबंदी आॅपरेशनों में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की भागीदारी बेहद कम बनी हुई है। पंत ने बताया, “मैंने अब तक जो कुल 3.81 लाख नसबंदी कीं, उनमें पुरुषों के केवल 13,500 परिवार नियोजन आॅपरेशन शामिल हैं। परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़नी चाहिये।”