पंकज सोनी, भिवानी :
एक तरफ तो प्रदेश सरकार खेलों को बढ़ावा देने का दम भरती नहीं थकती, वही दूसरी तरफ बर्खास्त पीटीआई को बेरोजगार बनाकर स्कूली स्तर के खिलाडिय़ों के भविष्य को अंधकार में धकेलने का काम किया है। बर्खास्त पीटीआई ही स्कूली स्तर पर खिलाडिय़ों को तैयार करते थे, जो कि आगे चलकर राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश व प्रदेश का नाम रोशन करते है। यह बात स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बैठे बर्खासत पीटीआई को संबोधित करते हुए रिटायर्ड कर्मचारी संघ से मा. वजीर सिंह, संगठन सचिव हरियाणा मा. सुखदर्शन सरोहा, हेमसा राज्य संगठन सचिव राजेश लांबा, सुभाष कौशिक शिक्षा बोर्ड, अशोक गोयत बिजली बोर्ड, सुखदेव पालवास ने कही। बुधवार को बर्खास्त पीटीआई का धरना 443वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान उन्होंने बहाली की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने को संबोधित करते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ना केवल 1983 पीटीआई को बर्खास्त कर उनके परिवारों को भूखा मारने का काम किया है, बल्कि प्रदेश के स्कूली स्तर के खिलाडिय़ों के भविष्य को भी अंधेरे में धकेलने का काम किया हैं। उन्होंने कहा कि भिवानी को मिनी क्यूबा का दर्जा दिलाने में कही ना कही बर्खास्त पीटीआई का भी योगदान रहा है, जिसे योगदान को सरकार ने दरकिनार कर 1983 पीटीआई को बेरोजगार बना दिया। उन्होंने कहा कि जब खिलाड़ी अपने खेल की शुरूआत करता है तो खिलाड़ी का प्राईमरी कोच पीटीआई ही होते है और सरकार ने खिलाडिय़ों से उनके प्राईमरी कोच छीन लिए हैं। उन्होंने भाजपा ने सत्ता में आने से पहले देश व प्रदेश में विकास की बयार बहाने की बात कही थी, लेकिन जब से देश व प्रदेश में भाजपा सत्तासीन हुई है, तब से विकास नहीं विनाश होता जा रहा है। देश भर में महंगाई, बेरोजगारी चरम पर है। आज देश का कर्मचारी, मजदूर, व्यापारी, किसान सडक़ों पर है तथा अपने हकों की मांग कर रहा है। — ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वे पीटीआई की बहाली करे, ताकि पीटीआई फिर से स्कूलों में तैनात होकर देश के लिए अच्छे खिलाड़ी तैयार कर सकें। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि जब तक 1983 पीटीआई की बहाली नहीं हो जाती, उनका संघर्ष जारी रहेगा। बुधवार को क्रमिक अनशन पर दिलबाग जांगड़ा, अमित कुमार, उदयभान, सतीश यादव रहे। वही धरने का संचालन अनिल तंवर ने किया। इस अवसर पर किसान नेता करतार ग्रेवाल, रामफल देशवाल, अनुप सिंह, सुदंर सिंह कोच, रतन कुमार जिंदल, प्रताप सिंह, संतोष देशवाल, सरोज, उपासना, ओमप्रकाश दलाल, कामरेड ओमप्रकाश, श्रीचंद्र, अजीत राठी, राजकुमार, सत्यवान, मीर सिंह, महेंद्र सिंह श्योराण, संजय, संदीप, सतबीर स्वामी, चंद्रभान, लोकेश कुमार, सूरजभान जटासरा, रामशरण, हरीश सोरखी, सुशील सैनी, देवेंद्र सिंह, विनोद सांगा, बलजीत तालु, राजेश कुमार, विरेंद्र जाखड़ मौजूद रहे।