पीली मटर व उड़द की मुफ्त आयात नीति की अवधि बढ़ाई
Pulses Shortage (आज समाज), बिजनेस डेस्क : सरकार ने देश में पैदा हो रहे दाल संकट से उभरने के लिए नई योजना बनाई है। जिसके चलते खुली मार्केट में दाल का अभाव नहीं होगा और महंगाई पर भी ब्रेक लगेगी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने किसानों से तुअर, उड़द और मसूर दालों की सौ प्रतिशत खरीदारी का वादा किया है, लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की तुलना में खुले बाजार में ज्यादा कीमत मिलने के चलते जरूरत भर सरकारी खरीद नहीं हो पा रही है। इसका सीधा असर बफर स्टॉक पर पड़ने लगा है।
दाल का भंडार न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। यह खतरे का संकेत हैं। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बफर स्टॉक में कम से कम 35 लाख टन दाल होनी चाहिए। वर्ष 2021-22 में यह 30 लाख टन एवं 2022-23 में 28 लाख टन था। किंतु वर्तमान में बफर स्टॉक में आधी से भी कम दाल उपलब्ध है। सूत्रों के मुताबिक सरकारी एजेंसियां नेफेड एवं एनसीसीसी के स्टॉक में सिर्फ 14.5 लाख टन दाल ही बची हैं।
सरकार ने यह नीति मंजूर की
सरकार ने पीली मटर और उड़द के लिए मुफ्त आयात नीति की अवधि बढ़ा दी है। इस कदम से व्यापारियों के लिए इन दालों को देश में लाना आसान हो गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी। सरकार ने पीली मटर के आयात को अब पहले से लागू न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) शर्त या किसी भी बंदरगाह प्रतिबंध से मुक्त कर दिया गया है।
यह नया नियम उन सभी शिपमेंट पर तत्काल लागू होगा जहां बिल आफ लैडिंग (शिप आन बोर्ड) 31 मई, 2025 को या उससे पहले के लिए जारी किया गया है। इससे पहले, पीली मटर के लिए मुफ्त आयात नीति 28 फरवरी, 2025 को समाप्त हो गई थी। अब सरकार के फैसले के बाद पीली मटर का स्वतंत्र रूप से आयात करने के लिए व्यापारियों के पास 31 मई, 2025 तक यानी तीन महीने का अतिरिक्त समय है।
उड़द मुफ्त आयात नीति की अवधि 31 मार्च, 2026 तक बढ़ा दी
सरकार ने उड़द दाल के लिए मुफ्त आयात नीति की अवधि भी बढ़ा दी है। संशोधित नियमों के तहत, व्यापारी 31 मार्च, 2026 तक उड़द का स्वतंत्र रूप से उड़द दाल का आयात करना जारी रख सकते हैं। इसकी समयसीमा 31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाली थी। पीली मटर और उड़द दोनों के लिए आयात नीति का विस्तार करने के निर्णय से कीमतों में स्थिरता आने और घरेलू बाजार में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
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