International Geeta Mahotsav: कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ बिखर चुकी है भारतीय संस्कृति की महक

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International Geeta Mahotsav: कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ बिखर चुकी है भारतीय संस्कृति की महक
International Geeta Mahotsav: कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ बिखर चुकी है भारतीय संस्कृति की महक

पारंपरिक परिधानों व वाद्य यंत्रों के साथ लोक कलाकारों ने किया पर्यटकों का मनोरंजन
(आज समाज) कुरुक्षेत्र: ब्रह्मसरोवर के पावन तटों पर भारतीय संस्कृति की महक को दूर-दूर तक महसूस किया जा रहा है। इस संस्कृति की महक का एहसास करने के बाद एकाएक देश-विदेश के लोग अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की ओर खिंचे चले आ रहे है। इस महोत्सव में जहां शिल्पकार अपनी शिल्पकला से पर्यटकों को मोहित कर रहे है, वहीं विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकार पर्यटकों का खुब मनोरंजन कर रहे है। अहम पहलू यह है कि ब्रह्मसरोवर की सदरियों में लगे स्टॉलों में भारतीय संस्कृति को दर्शन करवाती अदभुत शिल्पकला से भारतीय संस्कति की महक चारों तरफ फैल चुकी है और यहां पर आने वाले पर्यटक इसका जमकर आनंद उठा रहे है।

उत्तरी तट पर जहां राजस्थानी लोक कलाकार कच्ची घोड़ी नृत्य की प्रस्तुति देकर पर्यटकों को नृत्य करने के लिए उत्साहित कर रहे है, वहीं उत्तर पश्चिमी तट पर बीन-बांसुरी की धुन पर लोक कलाकार भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे है। इस पावन तट के चारों तरफ किसी न किसी प्रदेश के कलाकार, बाजीगर, बहरुपिए भी पर्यटकों को लुभा रहे थे। वीरवार को इस शिल्प मेले की रौनक को बढ़ाने का काम विभिन्न राज्यों से आए पर्यटकों व विद्यार्थियों ने किया।

आकर्षण का केंद्र बना हुआ सरस और शिल्प मेला

उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि प्रशासन की तरफ से महोत्सव में पर्यटकों, शिल्पकारों, कलाकारों के लिए अच्छे प्रबंध किए गए है और यह सरस और शिल्प मेला पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। महोत्सव में 5 दिसंबर से शुरू हो चुके मुख्य कार्यक्रमों के लिए केडीबी और प्रशासन द्वारा सभी तैयारियों पूरी कर ली है ताकि महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को महोत्सव के दौरान सुखद अनुभूति मिले और वह यहां से अच्छी यादें अपने साथ लेकर वापिस जाएं।

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