अमृतसर। पंजाब पुलिस द्वारा तरनतारन के चोहला साहिब गांव से काबू किए गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चार आतंकियों को अमृतसर की अदालत ने 11 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने आशंका जाहिर की है कि आतंकियों को हथियार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा भारत में हमले कराने हेतु मुहैया करवाए गए थे। जेहादी और खालिस्तानी समर्थक आतंकी ग्रुपों ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए इन हथियारों को मंगवाया। गिरोह को पाकिस्तान स्थित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का प्रमुख रणजीत सिंह उर्फ नीटा और उसका जर्मन स्थित सहयोगी गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा रहे हैं। उन्होंने ही स्लीपर सेल की मदद से स्थानीय सदस्यों को तलाशने, कट्टर बनाने और भर्ती करने का काम किया। इसी काम के लिए सरहद पार से फंड और आधुनिक हथियारों का इंतजाम किया गया था। गौरतलब है कि 4 सितंबर को तरनतारन के गांव पंडोरी गोला में हुए एक बम धमाके के मामले में पुलिस ने पाकिस्तान समर्थित मॉड्यूल से संबंधित 8 लोगों को काबू किया था। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने इन चार आतंकियों को काबू किया। पुलिस द्वारा काबू किए गए आकाशदीप और बाबा बलवंत सिंह के खिलाफ पहले कई पुलिस थानों में केस दर्ज है। जबकि आर्म्स एक्ट और यूएपीए के मामले में अमृतसर की जेल में बंद मान सिंह ने जर्मनी में बैठे गुरमीत सिंह के कहने पर आकाशदीप सिंह को भर्ती किया था यह दोनों अमृतसर जेल में बंद हैं।