जगदीश, नवांशहर:
- “बाल मृत्यु समीक्षा” (सीडीआर) पर जिला स्तरीय दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
सिविल सर्जन डॉ. श्री देविंदर ढांडा की अध्यक्षता में सिविल सर्जन कार्यालय में नवजात एवं पांच वर्ष तक के बच्चों की मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से “बाल मृत्यु समीक्षा” (सीडीआर) पर दो दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण शुरू हो गया है। जिसमें जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया।
बाल मृत्यु दर को कम करना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
इस अवसर पर सिविल सर्जन डाॅ. देविंदर ढांडा ने प्रखंड चिकित्सा अधिकारियों एवं महिला चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शून्य से पांच वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे की मृत्यु के कारणों का पता लगाने और उन्हें दूर करने के उद्देश्य से बाल मृत्यु समीक्षा की जाती है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में तत्काल समस्याओं की पहचान करना और उनका समाधान करना है। बाल मृत्यु दर को कम करना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है।
बच्चे के जन्म के पहले 1000 दिन बहुत महत्वपूर्ण
यह माना जाता है कि देश भर में अधिकांश बच्चों की मृत्यु को रोका जा सकता है, इसलिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा बाल मृत्यु की समीक्षा के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया है, जिससे प्रत्येक बच्चे की मृत्यु की सूचना दी जाती है और सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है। गतिविधि। बाल मृत्यु के कारणों की जांच के बाद जो भी कारण सामने आते हैं, उन कारणों को दूर कर स्वास्थ्य व्यवस्था में सकारात्मक और गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे के जन्म के पहले 1000 दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए इस दौरान बच्चों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर उपस्थित थे
इस अवसर पर जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. बलविंदर कुमार ने कहा कि बच्चे की मौत घर पर हो, सुविधा में हो या ट्रांजिट के दौरान हो, इन सभी मौतों पर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाएगी। इस अवसर पर डाॅ. हरतेश सिंह पाहवा, डाॅ. योगिता ने बच्चों के रोग, खतरे के लक्षण, लक्षण, कारण और बचाव पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया। उन्होंने जन्म के तुरंत बाद बच्चों की देखभाल करने की भी जानकारी दी। इसके अलावा जिला समूह शिक्षा एवं सूचना अधिकारी जगत राम एवं प्रखंड विस्तार शिक्षक विकास विरदी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।