यमुनानगर (प्रभजीत सिंह) । स्टेट क्राइम ब्रांच एंटी ह्युमन ट्रैफिकिंग सेल पंचकूला में तैनात अरक राजेश कुमार ने 28 साल से लापता 60 वर्षीय रोहित को उसके परिवार से मिलाया। रोहित यहां सरस्वती नगर के मगरपुर गांव के नी आसरा द आसरा में रह रहा था। अप्रैल 2021 में रोहित को कुरुक्षेत्र के शाहबाद में बेसहारा घूमते हुए आश्रम के संचालक जसकीरत ने देखा था। वह उसे यहां आश्रम में लेकर आए।
एएसआइ राजेश कुमार ने बताया कि आश्रम से उन्हें रोहित के बारे में पता लगा। वह बिजुअल गांव का नाम बता रहा था। इस गांव के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया। कई गांव इस नाम के मिले। काफी तलाश के बाद एक गांव के प्रधान से बात हुई। उसे फोटो भेजे गए। उसने रोहित की पहचान की। उससे पता लगा कि रोहित का परिवार अब प्रयागराज के गांव मांडा में रहता है। फिर वहां पर फोन किया गया, तो रोहित के परिजनों के बारे में जानकारी मिली। उन्हें वाट्सएप पर फोटो भेजे गए, तो वह रोहित को पहचान गए।
28 साल पहले हुआ था लापता
रोहित उत्तर प्रदेश के मिजार्पुर में होमगार्ड की नौकरी करता था। वह घर से नौकरी पर जाने के लिए निकला था। इसके बाद वापस नहीं लौटा। रोहित के बेटे अमरनाथ ने बताया कि वह अपने पिता को मरा हुआ मान चुके थे। जिस समय पिता लापता हुए थे। उनकी उम्र 30 वर्ष थी। अब पुलिस से उन्हें पिता के बारे में पता लगा। वीडियो कालिंग के जरिए पिता को देखा। वीरवार को वह अपने पिता को यहां पर लेने के लिए पहुंचे।