हरियाणा में 36 सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: प्रदेश-प्रदेश की राजनीति में डेरों व मठों का हमेशा से प्रभाव रहा है। चुनाव के दौरान बहुत से नेता इन डेरों व मठों में नमस्तक होते है। ताकि संतों व बाबाओं का आशीर्वाद उन पर बना रहे। देश-प्रदेश में बहुत से संत व बाबा राजनीति में भी भाग्य अजमा चुके है। बहुत सो को कामयाबी भी मिली है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ इसका जीता जागता उदाहरण भी है। इसी लिए जब भी किसी प्रदेश या देश में लोकसभा चुनाव होते है तो पार्टी के प्रमुख या फिर चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी इन डेरों-मठों में आशीर्वाद प्राप्त करने जरूर जाता है। डेरों व मठों के प्रभाव से हरियाणा की राजनीति भी अछूती नहीं है। यहां भी डेरों के आशीर्वाद से राजनीतिक दलों के समीकरण बन और बिगड़ जाते है।
डेरा सच्चा सौदा सिरसा व डेरा राधा स्वामी का हरियाणा की राजनीति में विशेष प्रभाव रहा है। गत दिवस पैरोल पर बाहर आए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को लेकर भी अब यहीं कयास लगाए जा रहे है कि प्रदेश की राजनीति में कुछ न कुछ तो परिवर्तन होगा ही। हमेशा चुनाव के समय ही डेरा मुखी पैरोल पर बाहर आते है। हालांकि उनके किसी भी तरीके से चुनाव प्रचार करने पर रोक है। यहां तक की पैरोल अवधि के दौरान डेरा मुखी को हरियाणा आने की इजाजत नहीं मिलती। वह यूपी स्थित अपने आश्रम में ही रहता है।
आज और कल हरियाणा के हर ब्लॉक में होगी नामचर्चा
डेरा मुखी के बाहर आने की खुशी में हरियाणा के हर ब्लॉक में नाम चर्चा होगी। अंदेशा जताया जा रहा है कि यहीं से किस पार्टी को स्पोर्ट करना है का गुप्त संदेश पहुंचाया जाएगा। हालांकि डेरे ने हमेशा इस बात से इनकार किया है। डेरे का कहना होता है कि उसने कभी किसी पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए डेरे की संगत से नहीं कहा। लेकिन हमेशा चुनाव के समय डेरा मुखी राम रहीम को पैरोल देना कहीं न कहीं यह सवाल उठाता है।
कांग्रेस ने किया था पैरोल का विरोध
कहा जाता है कि प्रदेश की 36 विधानसभा सीटों पर डेरे की संगत अच्छी तादात में है। इन सीटों पर काफी संख्या में डेरे के श्रद्धालु है। इसी के चलते कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर डेरा मुखी राम रहीम की को पैरोल न दी जाने की अपील की थी। आॅल इंडिया कांग्रेस कमेटी के लीगल सेल के केसी भाटिया की ओर से यह चिट्ठी लिखी गई है।
साध्वियों के यौन शोषण व मर्डर केस में सजा काट रहा राम रहीम
गौरतलब है कि राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को 2 साध्वियों के यौन शोषण केस में दोषी ठहराया गया था। इसी साल 27 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया गया। इस केस में 28 अगस्त 2017 को उसे 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। जिसके बाद से वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। उसे 11 जनवरी 2019 को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया और 17 जनवरी 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। उसे 2021 में रणजीत सिंह हत्याकांड में भी दोषी ठहराते हुए उम्रकैद दी गई थी। हालांकि इसी साल 28 मई को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में उसे बरी कर दिया।
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