कोरोना के कहर का असर अब धार्मिक आयोजनों पर भी देखने को मिल रहा है । शिव की नगरी काशी में नित्य संध्या होने वाली भव्य गंगा आरती भी इससे अछूती नही है । भक्तों के भीड़ को देखते हुए जिलाधिकारी ने एडवाइजरी जारी कर आयोजकों से गंगा आरती को सूक्ष्म रूप से करने का निर्देश दिया है जिसके बाद आयोजकों ने दशाश्वमेध घाट पर नित्य संध्या होने वाली गंगा आरती को सांकेतिक तौर पर करने का फैसला किया है जिसके तहत बिना भजन कीर्तन के बुधवार से गंगा आरती की जाएगी ।
कोरोना वायरस के संक्रमण एवं महामारी से बचाव तथा जनसामान्य की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए गंगा सेवा निधि की दैनिक गंगा आरती के भव्य स्वरूप जो कि सात अर्चकों द्वारा की जाता रही है , जिसे बुधवार से मात्र गंगा पूजन व सांकेतिक आरती एक स्थान पर की जायेगी जिससे गंगा आरती का धार्मिक स्वरूप यथावत बना रहे। गंगा सेवा निधि संयोजक के निर्देशन में घाट तथा संस्था से सम्बन्धित कोरोना वायरस से युद्ध स्तर पर बचाव के उपायों को सुनिश्चित किया गया तथा प्रशासन एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के साथ समन्वय एवं सहयोग स्थापित किया गया है क्योंकि घाट चारों तरफ से खुले हुए है इसे ध्यान में रखते हुए पहले से जो श्रद्धलु आए है उन्हें हैंड सेनिटाइजर के साथ- साथ बचाव के उपाय भी किये जा रहे है। गंगा सेवा निधि ने जिला प्रशासन से यह मांग किया कि दूर-दराज से घाट पर आये तीर्थयात्रियों /पर्यटकों की जाँच करनें के लिए थर्मल स्कैनर की व्यवस्था किया जाय।