नई दिल्ली। कई दिनों से भारत चीन सीमा पर गतिरोध बरकरार था। लद्दाख के गलवान घाटी में इस संर्घष की शुरूआत तब हुई जब भारतीय सेना के कमांडिग आफिसर कर्नल संतोष बाबू और अन्य सैनिकों पर चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया। हालांकि एलएसी पर बिना एक भी गोली चले दोनों ओर की सेनाओं को काफी नुकसान हुआ। बिना एक भी गोली का इस्तेमाल हुए लाठी डंडों पत्थरों के प्रयोग से ही दोनों ओर की सेनाओं में सोमवार और मंगलवार के बीच की रात को खूनी झड़प होती रही। सूत्रों के अनुसार भारत-चीन के बीच हुई बातचीत और सहमति के हिसाब से चीनी सैनिकों को पट्रोलिंग पॉइंट 14 से पीछे हटना था। भारतीय सैन्य दल यह देखने पहुंचा कि चीनी सेना वहां से पीछे हट गई है या नहीं। चीनी सैनिकों को 5 किलोमीटर पूर्व में पोस्ट 1 तक पीछे हटना था। भारतीय सैन्य दल कमांडिंग आॅफिसर कर्नल संतोष बाबू की नेतृत्व में यह देखने पहुंचा की चीनी सेना पीछे हटी या नहीं इस दौरान अचानक पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) का एक समूह पीछे आया और हमला कर दिया। चीनी सैनिकों ने सीओ और दो भारतीय जवानों पर लोहे के रॉड और पत्थरों से बुरी तरह हमला किया जिससे तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए और जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद भारतीय सैन्य दल ने भी चीनी सैनिकों पर हमला किया और यह खूनी झड़प बिना एक भी गोली चले लाठी ड़डों, पत्थरों और लोहे के राड से आधी रात तक होती रही। खूनी झड़प में बीस भारतीय सैनिक शहीद हुए जबकि चीनी पक्ष की बातचीत को इंटरसेप्ट करने से पता चला कि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं या घायल हुए हैं।