नई दिल्ली। सोमवार को कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी की कई पार्टियों ने केंद्र सरकार के सीएए, एनआरसी और अर्थव्यवस्था को लेकर बैठक की। इस बैठक में इन मुद्दों के अलावा कई विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा के बाद पैदा हुए हालात और युवाओं द्वारा किए जा रहे सीएए के विरोध प्रदर्शनों के बारे में भी चर्चा की गई। इस बैठक में सोनिया गांधी ने सरकार पर जोरदार हमला किया और कहा कि सरकार ने नफरत फैलाई और लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की है। बैठक में सोनिया ने सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि संविधान को कमजोर किया जा रहा है। बता दें कि पीएम और गृहमंत्री केवल उत्तेजक बयानबाजी कर रहे हैं। यह सत्ता के दुरपयोग को दिखाता है। पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झामुमो के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह मौजूद थे। सोनिया गांधी ने बैठक में सीधे तौर पर पीएम और गृहमंत्री पर हमला बोला और कहा कि ‘प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने लोगों को गुमराह किया। उन्होंने केवल हफ्तों पहले दिए गए अपने खुद के बयानों का खंडन किया और अपने उत्तेजक बयान जारी रखे।’ सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग हो रहा है। देशभर में युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। तत्काल कारण सीएए और एनआरसी है, लेकिन यह व्यापक निराशा और क्रोध को दिखाता है। यूपी और दिल्ली में पुलिस की प्रतिक्रिया पक्षपातपूर्ण और क्रूर है। कांग्रेस सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में 20 दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में अन्य दलों के साथ आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा शामिल थे।