नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच लद्दाख में पिछले कईमहीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। यह स्थिति और तनाव पूर्ण तब हो गई जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। इस हिंसक झड़प में भारत केबीस जवान शहीद हुए थे जबकि चीन ने अपने हताहत हुए जवानों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी थी। इसके बाद भारत की ओर से चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए थे। अब भारत मेंचीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग ने लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बारे में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। चीनी राजदूत ने इस कहा कि यह इतिहास के परिप्रेक्ष्य से संक्षिप्त क्षण है। चीन-भारत युवा वेबिनार में चीनी राजदूत ने कहा, “कुछ ही समय पहले सीमावर्ती क्षेत्रों में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, जिसे न तो चीन और न ही भारत देखना पसंद करेगा। अब हम इसे ठीक से संभालने के लिए काम कर रहे हैं। यह इतिहास के परिप्रेक्ष्य में एक संक्षिप्त क्षण है।उन्होंने कहा, “एक समय में एक बात से परेशान नहीं होना चाहिए। राजनदूत ने नई सदी में भारत चीन संबंधों को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस नई सदी में द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ना चाहिए, उसे बिगाड़ना नहीं चाहिए। चीनी राजदूत इस बात से आश्वस्त थे कि चीन और भारत में द्विपक्षीय संबंधों को ठीक से संभालने की समझदारी और क्षमता है। उन्होंने कहा, “चीन, भारत को एक प्रतिद्वंद्वी के बजाय एक साथी और खतरे के बजाय एक अवसर के रूप में देखते है। हम द्विपक्षीय संबंधों में एक उचित स्थान पर सीमा विवाद को रखने की उम्मीद करते हैं। साथ ही संवाद और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को ठीक से संभालने और द्विपक्षीय संबंधों को पहले की तरह वापस ट्रैक पर लाने की उम्मीद करते हैं। चीनी राजदूत वेइदॉन्ग ने कहा कि भारत और चीन को शांति से रहना चाहिए और संघर्ष से बचना चाहिए।