Himachal News (आज समाज) हमीरपुर। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पिछली भाजपा सरकार के पास कड़े निर्णय लेने का साहस नहीं था। उन्होंने केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए सम्पन्न परिवारों के बिजली और पानी के बिल माफ किए। मुफ्त में बांटने की यह प्रक्रिया अगर इसी प्रकार जारी रहती तो प्रति व्यक्ति कर्ज दो लाख रुपये तक पहुंच जाता।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की विकट आर्थिक स्थिति के बावजूद राज्य सरकार ने कर्मचारियों को सात प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्रदान किया है और इस वर्ष 75 वर्ष से अधिक आयु के 28 हजार पेंशनभोगियों को एरियर का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी मेरे परिजनों के समान है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए अभी छः माह का और समय लगेगा। प्रदेश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने पर एरियर और मंहगाई भत्ते प्रदान किए जाएंगे। केंद्र सरकार के पास एनपीएस फंड का नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक का पैसा फसा हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार से यह धनराशि वापिस लाने के लिए सहयोग करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 850 शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्टता केन्द्रों में स्तरोन्नत कर रही है। सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अन्तर्गत 6 हजार अनाथ बच्चों को चिल्डर्न ऑफ दे स्टेट के रूप में अपनाया है। इस योजना में 27 वर्ष की आयु तक इन बच्चों की शिक्षा देखभाल, वार्षिक यात्रा का खर्च और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है।