सुमन, तोशाम :
एक तरफ जहां सरकार पेड़ों का कटान रोकने और अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं वन माफिया हरे पेड़ों का कटान धड़ल्ले से कर पर्यावरण को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। क्षेत्र में हरियाली पर कुल्हाड़ी जारी है। हर रोज 50 से 60 गाड़ी व ट्रैक्टर-ट्रालियों में हरी लकड़ियां भरकर तोशाम आरा मशीनों पर पहुंच रही हैं।
गत 16 जून को समाचार प्रकाशित होने पर दो दिन तक तो वन विभाग के अधिकारी पूरी तरह से सक्रिय दिखाई दिए। विभाग के अधिकारियों द्वारा 13 गाड़ियां लकड़ियों से भरी पकड़ी गई थी। 16 जून को सामाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद दो दिन तक कोई भी गाड़ी नहीं आई लेकिन उसके दो से तीन दिन बाद रात के समय वन माफिया सक्रिय हुआ हो गया। धीरे-धीरे वन माफिया पर वन अधिकारियों का खौफ खत्म होता गया और अब पूरे दिन लकड़ियों से भरी ट्रैक्टर ट्रालियां व गाड़ियां आ रही हैं। इसे वन विभाग की लापरवाही कहें या कुछ ओर, जो भी है पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है। उधर वन विभाग के अधिकारी पौधारोपण को लेकर जोर लगा रहे हैं वही आक्सीजन दे रहे बड़े पेड़ों वन माफिया साफ कर रहा है।
आफ सीजन होते ही बढ़े लकड़ी के भाव
जब से राजस्थान से लकड़ी पहुंचनी कम हुई है। लकडी के भाव बढ़ गए हैं। राजस्थान से इस समय मात्र 4 से 5 गाड़िया आ रही हैं। इससे पहले राजस्थान से हर रोज सौ से 150 के करीब गाड़ियां आती थी। तब भाव 350 रुपए के करीब था। अब लकड़ियों का रेट बढ़कर 5 सौ से साढ़े 5 सौ हो गया है।
करीबन 125 आरा मशीनों में से इस समय चल रही हैं करीब 40 मशीनें
तोशाम में करीबन 125 आरा मशीनें हैं, जिसमें से करीबन 40 मशीनें इस समय चल रही हैं। लकड़ी कम आने व भाव बढ़ने के कारण बाकि मशीनें बंद पड़ी हैं।
इस बारे में डीएफओ वीके सिंह ने बताया कि समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है। अब भी लकड़ियों से भरी गाड़ियां आ रही हैं तो सख्ती से निपटा जाएगा।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.