Punjab News Update : कहीं पंजाब का माहौल फिर से न हो जाए खराब

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Punjab News Update : कहीं पंजाब का माहौल फिर से न हो जाए खराब
Punjab News Update : कहीं पंजाब का माहौल फिर से न हो जाए खराब

पंजाब में नई राजनीतिक पार्टी के गठन से सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता

14 जनवरी को हुई थी अकाली दल वारिस पंजाब दे नाम की राजनीतिक पार्टी के गठन की घोषणा

Punjab News Update (आज समाज), चंडीगढ़। 14 जनवरी को माघी के अवसर पर श्री मुक्तसर साहिब में लगाए गए राजनीतिक इलियास में प्रदेश में नई पार्टी के गठन की घोषणा की गई। इस पार्टी का गठन खालिस्तान समर्थक और श्री खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के साथी और फरीदकोट से सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने किया। इस दौरान यह भी घोषणा की गई की अमृतपाल सिंह इस पार्टी के अध्यक्ष होंगे।

इस नई पार्टी की घोषणा के साथ ही प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियोंं की चिंता बढ़ती नजर आ रही है। क्योंकि इस पार्टी की विचारधारा खालिस्तान की समर्थक है। इसी बात से यह संदेह है कि आने वाले दिनों में यह पार्टी जब अपनी सदस्यता अभियान चलाएगी तो कहीं प्रदेश का माहौल दोबारा से न खराब हो जाए। क्योंकि जेल में बंद अमृतपाल पंजाब को अलग राष्टÑ के रूप में पहचान दिलाने की साजिश रच रहा था। पार्टी का प्रधान भी डिब्रूगढ़ जेल में बंद आजाद सांसद अमृतपाल सिंह को ही बनाया गया है।

पंजाब में कट्टरपंथियों को मिला नया मंच

नए दल की घोषणा के साथ ही कट्टरपंथियों को नया मंच भी मिल गया है, जिसने केंद्र के साथ ही राज्य सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है। खालिस्तान समर्थकों द्वारा नई पार्टी बनाए जाने के साथ ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। एजेंसियों की तरफ से इस पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखी जा रही है कि पार्टी के साथ कौन से लोग जुड़ रहे हैं और किस तरह की गतिविधियां की जा रही हैं। पार्टी को चलाने के लिए कहां से फंडिंग हो रही है, इसपर भी नजर रहेगी। पंजाब में कट्टरपंथियों को इस तरह का खुला मंच मिलने से सुरक्षा एजेंसियों में हलचल बढ़ गई है।

कट्टरपंथियों की जीत से हौसले बुलंद हुए

गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों में दो कट्टरपंथियों की जीत से इनके हौसले बुलंद हुए हैं। खडूर साहिब से अमृतपाल सिंह ने सबसे अधिक 1 लाख 97 हजार 120 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इसी तरह सरबजीत सिंह खालसा ने भी फरीदकोट से आजाद चुनाव लड़ते हुए 70 हजार 53 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। अब इनके पार्टी बनाकर खुलेआम मैदान में आने के बाद खुफिया एजेंसियां सूबे में अपना नेटवर्क मजबूत करने की भी योजना तैयार कर रही हैं।

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