पीएम मोदी ने आज अपने संबोधन में कहा कि 22 मार्च को जो जनता कर्फ्यू का संकल्प लिया था उसका देशवासियों ने अपना योगदान दिया था। हर वर्ग केलोगों ने परीक्षा की इस घड़ी में साथ आए। जनता कर्फ्यू को देशवासियों ने सफल बनाया। देश ने दिखाा दिया कि किस प्रकार से हम एकजुट होकर संकट का मुकाबला करते हैं। आप सभी जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए । आप देख रहे हैं कि दुनिया के समर्थ से समर्थ देशों को भी इस कोरोना महामारी को बेकार कर दिया है। कोरोना वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि तमाम तैयारियों के बावजूद सफल देशों में च ुनौती बढ़ती ही जा रही है। इन देशों को देखकर यही निषकर्ष निकल रहा है कि इससे लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र तरीका है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकना है तो उसके फैलने की साइकिल को तोड़ना ही होगी। सोशल डिस्टेंसिंग केवल मरीज के लिए है ऐसा सोचना सही नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग हर परिवार के लिए है। परिवार के हर सदस्य के लिए है। कुछ लोगों की लापरवाही और गलत सोच आप लोगों आपके परिवार को दोस्तों, माता-पिता को और आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल मे ंझोंक देगी। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। राज्य सरकारोंने पिछले दो दिनों से लॉक डाउन का पालन करें। आज रात बारह बजे से संपूर्ण देश में संपूर्ण लॉक डाउन होने जा रहा है। हिंदुस्तान को बचाने केलिए आपको और आपके परिवार को बचाने के लिए घरों से निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जा रही है। एक तरह से कर्फ्यू ही है। जनता कर्फ्यृ से थोड़ा ज्यादा सख्त कदम उठाया जा रहा है। निश्चित तौर पर इस लॉक डाउन की आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी। लेकिन आपके परिवार को और देश के एक-एक नागरिक को बचाना मेरी और सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। मैं हाथ जोड़कर प्रर्थना करता हूं कि आज इस समय आज जहां भी हैं वहीं रहें। देश में लॉक डाउन 21 दिन का होगा। आने वाले 21 दिन हर नागरिक के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
कोरोना वायरस की संक्रमण साइकिल तोड़ने के लिए 21 दिन का समय बहुत महत्वपूर्ण है। अगर यह 21 दिन नहीं संभले तो देश 21 साल पीछे चला जाएगा। आपका परिवार बर्बाद हो जाएगा। बाहर निकलना क्या होता है यह भूल जाएं। घर में रहें और घर में ही रहें। आज के लॉक डाउन ने आपके दरवाजे के बाहर लक्ष्मण रेखा खींच दी है। आपको याद रखना है कि कई बार कोरोना से ग्रस्त व्य िक्त बिल्कुल स्वास्थ्य लगता है। एहतियात बरतिए और घर पर ही रहिए। एक्सपर्ट का कहना है कि आज अगर किसी केशरीर में कोरोना वायरस के लक्ष्ण हैं तो इसे दिखने में कई दिन लग जा रहे हैं। डब्लू एचओ बताता है कि कोरोना से पीड़ित एक व्यक्ति सैकड़ों व्यक्तियों तक पहुंचा सकता है। डब्लू एच ओ के आंकडे के अनुसार दुनिया में एक लाख तक के आंकडे तक पहुंचने में सढसठ दिन फिर केवल 11 दि न में ही अन्य एक लाख संक्रमित हो गए। इन दो लाख से अन्य एक लाख तक पहुंचने में सिर्फ दो दिन लगे। कोरोना वायरस बहुत ही तेजी सेफैलता है। दुनिया के विभिन्न देशों में जब कोरोना फैलना शुरू हुआ तो कंट्रोल करना मुश्किल हो गया। इटली हो या अमेरिका उनके पास संसाधन होने के बावजूद भी वह इसे नियंँित्रत नहीं कर पाएं। हमारे पास एक ही विकल्प है कि हमें घर से बाहर नहीं निकलना है। प्रधानमंत्री से लेकर गांव के सभी लोगों तके सोशल डिस्टेंसिंग करनी बहुत जरूरी है। भारत आज उस स्टेज पर है कि हमारे आज के एक्शन तय करेंगे कि हम इस आपदा को कितना कम कर सकते हैं। यह समय संयम बरतने का है। आपको याद रखना है कि जान है तो जहान है। पीएम ने कहा कि जबतक देश में लॉक डाउन की स्थिति है तब तक अपना वचन निभाना है। घरों में रहते हुए उनके लिए कामना करें जो खुद को खतरे में डालकर मरीजों के लिए काम कर रहे हैं। उनके लिए मंगलकामना करें जो एक-एक मरीजों को बचाने के लिए भी अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे हैं। डाक्टरों, नर्सों, एंबुलेंस ड्राइवर, पुलिस, मीडियाकर्मियों के बारे में सोचिये जो संक्रमण का खतरा उठाते हुए भी दिन रात डयूटी कर रहे हैं। कोरोना वैश्विक महामारी केलिए सभी उपाए किए गए हैं और आगे भी किए जाएंगे। संकट की यह घड़ी गरीबों के लिए भी बहुत मुश्किल का समय लेकर आई है। गरीबों की मदद के लिए कई लोग साथ आ रहे हैं। सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। जिससे मेडिकल सुविधाओं क ेलिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आईसोलेशन वार्ड, बेड, मास्क आदि की सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। किसी भी तरह की अफवाह और अंधविश्वास से बचें।