श्री राम एवं योगेश्वर श्री कृष्ण के वास्तविक स्वरूप विषय पर हुआ विस्तार व्याख्यान
महापुरूषों द्वारा दी गई शिक्षाओं को केवल वैचारिक ना बनाकर इन्हें असल में सार्थक करें : आचार्य संजय याज्ञिक
Aaj Samaj (आज समाज),137th Annual Festival Of Arya Samaj Bada Bazaar, पानीपत : सोमवार को आर्य पीजी कॉलेज के ओपी सिगंला सभागार में आर्य समाज बड़ा बाजार,पानीपत के 137वें वार्षिक महोत्सव का हुआ शानदार आयोजन हुआ। आयोजन में आर्य जगत के वैदिक विद्वान आचार्य संजय याज्ञिक वैदिक प्रवक्ता (मेरठ) लाजपत राय अग्रवाल, आचार्य संजीव शास्त्री, आचार्य राम अवतार शास्त्री गाजियाबाद, आचार्य उदयवीर शास्त्री, निवेदिता, विशिष्ट अतिथि के रूप में अरुण आर्य ने शिरकत करते हुए महोत्सव की शोभा बढाई। आर्य समाज बड़ा बाजार,पानीपत के समिति के प्रधान अजय गर्ग, उपप्रधान लक्ष्मीचंद सर्राफ व रजनीश गुप्ता, मंत्री वीरेंद्र गुप्ता, उपमंत्री नरेश गर्ग, कोषाध्यक्ष संजय सिंगला, व आर्य कॉलेज समिति के प्रधान सुरेंद्र सिंगला, कोषाध्यक्ष पीयूष आर्य व प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता ने सभी अतिथियों का कॉलेज प्रांगण में पहुंचने पर पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य कॉलेज समिति के प्रधान सुरेंद्र सिंगला ने की।
धर्म से ज्यादा हमारा व्यवहार और हमारा चरित्र फलित होता है
महोत्सव में मुख्य वक्ता के तौर पर पधारे आचार्य संजय याज्ञिक ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म से ज्यादा हमारा व्यवहार और हमारा चरित्र फलित होता है। उन्होंने कहा कि श्री राम और श्री कृष्ण जैसे महापुरुषों के आचरण को हम जीवन में सार्थक करें तभी हम एक बदलाव ला सकते हैं। साथ ही इन महापुरुषों द्वारा दी गई शिक्षाओं को केवल वैचारिक ना बनाए बल्कि उन पर अमल कर असल में सार्थक बनाए। साथ ही संजय याज्ञिक ने यह भी बताया कि हमें हमेशा स्वयं का आत्मबोध कर खुद की शक्तियों और कमजोरियों को पहचानना चाहिए। वहीं महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए लाजपत राय अग्रवाल ने कहा कि परमात्मा निराकार है और इसे हमें सिद्ध करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए क्योंकि सच के साथ ही हमारा आत्मविश्वास और मनोबल बढता है । साथ उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम महापुरुषों के जीवन को पढते हैं तो इससे हमारे जीवन में नई शक्तियों और सकारात्मकता का संचार होता है।
महापुरुषों द्वारा दी गई शिक्षाओं को ग्रहण कर अपने जीवन में धारण करें
महोत्सव में वैदिक विचार एवं प्रखर वक्ता के तौर पर शिरकत कर रहे आचार्य संजीव शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि महापुरुषों का नाम जपने से बेहतर है कि हम उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं को ग्रहण कर अपने जीवन में धारण करें। उन्होंने कहा कि आज हम स्वर्ग की प्रार्थना कर नरक का मार्ग निर्मित कर रहे हैं। आज हमें वैदिक एवं वैचारिक दृष्टि से आगे बढ़ने की जरूरत है जिससे हम मानवता की ओर अग्रसर रह कर सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण कर सकें। आर्य समाज बड़ा बाजार,पानीपत के प्रधान ने बताया कि आर्य समाज बड़ा बाजार,पानीपत के 137वें वार्षिक महोत्सव का शानदार आयोजन पिछले तीन दिन से चल रहा है। महोत्सव के अंतिम दिन आर्य कॉलेज के प्रांगण में सुबह हवन किया गया तत्पश्चात ध्वजारोहण किया गया उसके बाद कॉलेज के ओपी सिंगला सभागार में आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने रामायण की कथा का वाचन किया। वहीं आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल की प्रथम कक्षा की पांच वर्ष की छात्रा अवंतिका ने संस्कृत में गीता के श्लोकों प्रस्तुति दे कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आर्य समाज बड़ा बाजार के पुस्तकाध्यक्ष प्रदीप सिंगला, प्रचार मंत्री ईश्वरदास अग्रवाल, सुनीता सिगंला, शालिनी अग्रवाल व निशा सिंगला भी मौजूद रही।