Punjab News:स्टेट एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स अथारिटी को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री को किया धन्यवाद

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स्टेट एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स अथारिटी को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री को किया धन्यवाद
स्टेट एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स अथारिटी को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री को किया धन्यवाद

 

चंडीगढ़/नई दिल्ली (आज समाज)। नरमे की फसल पर कीटों, विशेषकर गुलाबी सूंडी और सफेद मक्खी के हमले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने आज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से नेक्स्ट जेनरेशन बीजी-3 नरमा बीजों के संबंध में अनुसंधान कार्य में तेजी लाने और उन्हें मंजूरी देने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। पंजाब के कृषि मंत्री, जिन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कृषि •ावन, नई दिल्ली में मुलाकात कर बताया कि मौजूदा बीजी-2 कपास के बीजों को उन्नत बीजों से बदलने की जरूरत है ताकि इस फसल को कीड़ों के हमलों के प्रति प्रतिरोधी बनाया जा सके। इस समय के दौरान गुरमीत सिंह खुड्डियां ने राज्य एग्रीकल्चरल स्टेटिस्टिक्स अथॉरिटी (एसएएसए) को मंजूरी देने के लिए शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद दिया।

यह अथॉरिटी राज्य में कृषि क्षेत्र में योजना, निगरानी, मूल्यांकन, अनुसंधान एवं विकास के लिए वरदान साबित होगी। पंजाब के कृषि मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना को लागू करने, आरकेवीवाई के अंतर्गत फंड जारी करने, धान की पराली प्रबंधन के लिए रियायतें व खादों की निरंतर सप्लाई व गेंहू के बीज को बदलने संबंधी स्कीम पर सब्सिडी सहित कृषि सेक्टर में प्रदेश को आने वाली मुश्किलों के बारे में केंद्रीय मंत्री को परिचित करवाया। सीआरएम योजना के बारे में राज्य की बड़ी चिंता को उजागर करते हुए गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान सीआरएम योजना के तहत फंड उपलब्ध कराने संबंधी हिस्से को 60:40 (केंद्रº प्रांत) कर दिया गया है, पहले यह केंद्र का 100 प्रतिशत हिस्सा होता था।

उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री को अपील की कि वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में पंजाब के योगदान को ध्यान में रखते हुए सीआरएम योजना में केंद्र के 100 प्रतिशत हिस्से को बहाल करें। उन्होंने पराली प्रबंधन पर होने वाले अतिरिक्त खर्च के एवज में किसानों को मुआवजे के रूप में प्रति एकड़ के हिसाब से वित्तीय सहायता देने की •ाी मांग की। पंजाब के मंत्री ने चौहान का ध्यान इस ओर दिलाया कि रबी फसल की बुआई के मौसम में आमतौर पर फॉस्फेटिक उर्वरकों की कमी होती है और उन्होंने इस सीजन के दौरान फॉस्फेटिक उर्वरकों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की अपील •ाी की।

खुड्डियां ने आगे कहा कि आईसीएआर नीति के अनुसार, हर साल 33 प्रतिशत गेहूं के बीज को बदलने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) योजनाओं के तहत सालाना लग•ाग 20 करोड़ रुपए का निवेश किया जाता है पंजाब के कृषि मंत्री ने कहा कि •ाारत सरकार ने गेहूं के बीज पर यह सहायता देना बंद कर दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस योजना को देश की बढ़ती आबादी को •ोजन उपलब्ध कराने के लिए जारी रखने की जरूरत है।