बिना रिश्वत के नहीं होता कोई भी काम
Kurukshetra News (आज समाज) कुरुक्षेत्र: भाजपा को दिन-प्रतिदिन झटके पे झटका लगता जा रहा है। आज नगर परिषद थानेसर के पूर्व वाईस चेयरमैन राज गौड़ और निर्वतमान पार्षद विशाल शर्मा सहित अनेक लोगों ने भाजपा को अलविदा कहकर अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में विश्वास जताते हुए कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की। पार्टी में शामिल होने वालों में हंसाला गांव की सरपंच गुरदीप कौर, उनके पति गुरविंदर सिंह, नरकातारी रोड निवासी पंडित पवन बारना, कमल शर्मा, भूषण शर्मा, आकाश शर्मा शामिल है। इन सभी को अशोक अरोड़ा ने पार्टी का पटका पहनाकर कांग्रेस में शामिल किया। उन्होने कहा कि यह सभी नेता मजबूत जनाधार वाले नेता हैं। इनके आने से कांग्रेस को ओर अधिक मजबूती मिलेगी। पार्टी में शामिल होने वाले सभी नेताओं को पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा।
राज गौड़ व विशाल शर्मा को भाजपा प्रत्याशी सुभाष सुधा का काफी नजदीकी व विश्वास पात्र माना जाता था। इन दोनों के भाजपा छोड़ने से सुधा को सुबह- सुबह गहरा झटका लगा है। इसी के साथ- साथ अखिल भारतीय वाल्मिकी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक बंता राम वाल्मिकी तथा महासभा जोगी समाज के प्रधान नरेश जोगी ने भी अपनी- अपनी बिरादरी के लोगों से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की है। सेक्टर- 3 में भी सुखजिंदर सिंह मसाना तथा उनके पुत्र सतिंदर पाल सिंह ने शिरोमणि अकाली दल छोड़ कांग्रेस में शामिल होकर अरोड़ा के समर्थन में जनसभा का आयोजन किया। नप के पूर्व वाईस चेयरमैन जयनारायण शर्मा, पूर्व नगर पार्षद जलेश शर्मा, पूर्व पार्षद अमित गर्ग शैंकी, पूर्व पार्षद पंकज चोचड़ा, पूर्व पार्षद विवेक मेहता विक्की तथा कुलदीप हथीरा ने भी राज गौड व विशाल शर्मा सहित सभी लोगों के कांग्रेस में शामिल होने का स्वागत किया।
मृत्यु प्रमाण पत्र लेने पर भी पैसे देने पड़ते हैं
अशोक अरोड़ा ने इस अवसर पर कहा कि नगर परिषद थानेसर भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है। परिषद में कोई भी काम बिना रिश्वत के नहीं होता। प्रोपर्टी आईडी ठीक करवानी हो या फिर एनडीसी लेनी हो, जब तक रिश्वत न दी जाए काम नहीं होगा। इतना ही नही मृत्यु प्रमाण पत्र लेने पर भी पैसे देने पड़ते हैं। नगर परिषद पर पिछले लगभग 20 वर्ष से अधिक समय से सुधा परिवार काबिज है। विधायक सुभाष सुधा ने स्वयं स्वीकार किया था कि नगर परिषद में चार व्यक्ति दलाली का काम कर रहे हैं और वे एक सप्ताह के अंदर उनके नाम उजागर करेंगे लेकिन एक वर्ष बीत गया और सुधा ने इन दलालों के नाम उजागर नहीं किए।
अरोड़ा ने आरोप लगाया कि नगर परिषद में दलाली का काम मिलीभगत से चल रहा है। उन्होंने कहा कि नगर परिषद में करोड़ों रूपए का गोलमाल है। हालात यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में धर्मनगरी कुरुक्षेत्र सबसे निचले स्थान पर है। शहर में स्थान-स्थान पर बेसहारा पशुओं, बंदरों और आवारा कुत्तों ने आतंक मचाया हुआ है।
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