Maharashtra की ठाणे पुलिस ने चार बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया

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Maharashtra: महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने चार बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया
Maharashtra: महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने चार बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया
  • किराए पर रह रही थीं महिलाएं
  • मकान मालिक पर भी केस दर्ज

Thane Police Action, (आज समाज), मुंबई: महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस अवैध तौर पर रहने के आरोप में चार बांग्लादेशी महिलाओं को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मानव तस्करी निरोधक प्रकोष्ठ ने एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई कर ठाणे पश्चिम के मनोर पाड़ा इलाके से शाजिदा खातून (38), रत्ना खातून (40), रेशमा ढाली (40) और शालिना मुल्ला (50) को अरेस्ट किया। पुलिस ने उनके मकान मालिक नितिन कोंडिलकर पर भी विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

वैध दस्तावेजों के बिना रह रही थीं महिलाएं : पुलिस

पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया कि चारों बांग्लादेशी महिलाएं पासपोर्ट अधिनियम और विदेशी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए वैध दस्तावेजों के बिना लंबे समय से भारत में रह रही थीं। अधिकारियों ने बताया कि कोंडिलकर ने कथित तौर पर महिलाओं की अवैध आव्रजन स्थिति के बारे में पता होने के बावजूद उन्हें अपना घर किराए पर दे दिया था।

जांच में जुटी पुलिस

ठाणे पुलिस ने क्षेत्र में अवैध आव्रजन और मानव तस्करी पर शिकंजा कसने के मकसद से प्रयास तेज कर दिए हैं। पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि गिरफ्तार की गई महिलाएं किसी अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल थे अथवा नहीं।

बुधवार को 9 बांग्लादेशी प्रवासी पकड़े थे

पुलिस ने बुधवार को बताया कि मुंबई के घाटकोपर इलाके से कम से कम नौ बांग्लादेशी प्रवासियों को शहर में अवैध रूप से रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। विशेष अभियान के तहत मंगलवार को की गई छापेमारी के दौरान, अधिकारियों को समूह के साथ रहने वाले तीन बच्चे भी मिले।

3 बांग्लादेशी नागरिकों को सुनाई है सजा

मुंबई में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की 8वीं अदालत ने 22 जनवरी को 3 बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और जाली दस्तावेजों के साथ रहने का दोषी पाए जाने पर कारावास और जुर्माना की सजा सुनाई थी। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर एडिशनल सीजेएम कंचन झंवर ने फैसला सुनाया।

24 अप्रैल, 2024 को शुरू हुआ मामला

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के अनुसार, यह मामला 24 अप्रैल, 2024 को शुरू हुआ, जब पुलिस स्टेशन इंचार्ज मिलिंद काठे के नेतृत्व में आपराधिक खुफिया दस्ते को बिना उचित यात्रा दस्तावेज भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों के बारे में गोपनीय जानकारी मिली। इन व्यक्तियों पर भारतीय नागरिकता के जाली दस्तावेज बनाने और मुंबई में अवैध रूप से रहने का आरोप था।

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