आतंक : सांसद और नेताओं को उड़ाने की थी साजिश

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आज समाज डिजिटल, लखनऊ:
उत्तर प्रदेश की राजधानी रविवार को आतंकी घटना के चलते चर्चा में रही।  उत्तर प्रदेश एटीएस ने आतंकी छिपे होने की सूचना पर लखनऊ की काकोरी के एक मकान से दो आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया। ये अलकायदा से जुड़े थे। इन आतंकियों के नाम मसरुद्दीन और मिनहाज अहमद हैं। उत्तर प्रदेश आतंक निरोधी दस्ता ने दुबग्गा चौराहे के पास सीते विहार कॉलोनी से दो आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें मलिहाबाद निवासी शाहिद और उसका साथी वसीम हैं।

दोनों के पास से दो प्रेशर कुकर बम, आधे बने हुए बम के साथ सात से आठ किलो विस्फोट सामग्री, कई पिस्टल और अन्य सामान भी बरामद किया है। दोनों ही ट्रेंड आतंकी हैं। इनकी योजना तीन दिन में लखनऊ में एक सांसद के साथ अन्य नेताओं को उड़ाने की फिराक में थे। इनके पास से भारी मात्रा में विस्फोट मिला है। इस मकान से एटीएस को दो प्रेशर कुकर बम और एक अर्द्धनिर्मित टाइम बम मिला है। बम को निष्क्रिय करने के लिए स्क्वॉड मौके पर पहुंचा है।
आईजी ने किया खुलासा
एटीएस के आईजी डॉ. जीके गोस्वामी ने बताया कि एटीएस के इस आपरेशन में बम और असलहा भी मिले हैं। आतंकियों से पूछताछ हो रह है और हमारी टीम पास के कुछ घरों में भी पड़ताल कर रही है। उन्होंने कहा कि आशंका है कि पास के घरों में इनके साथियों ने भी ठिकाना बनाया है। पहले स्लीपर सेल में थे, बीते कई दिनों से कश्मीर में एक्टिव होने के बाद लखनऊ पहुंचे थे। इन सभी ने उत्तर प्रदेश में सीरियल ब्लास्ट की योजना बना ली थी।
सीरियल ब्लास्ट की थी साजिश
सीरियल ब्लास्ट की साजिश पाकिस्तान के हैंडलर ने बनाया था जबकि इसको अंजाम देने के तरीके पर अफगानिस्तान में शोध किया गया। अल कायदा के सरगना अल जवाहिरी ने भारत, पाकिस्तान, म्यांमार और अफगानिस्तान के लिए अल कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट की स्थापना की थी। इस संगठन के कई आतंकी हाल के वर्षों में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
गोपनीय रूप से की थी घेराबंदी
एटीएस ने रविवार सुबह गोपनीय तरीके से आतंकियों के ठिकाने की घेराबंदी की। इसके बाद आसपास के मकानों को खाली कराया और तीन घरों में छापेमारी कर दोनों को पकड़ लिया। इस बीच स्थानीय पुलिस भी वहां पहुंच गई। बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी की टीम ने तीनों मकानों को घेर लिया। दोनों आतंकियों को लेकर एटीएस की एक टीम रवाना हो गई। इसके बाद दूसरी टीम ने घरों में तलाशी शुरू की।
लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र के दुबग्गा इलाके में एटीएस पांच घंटे से सर्च आॅपरेशन चला रही है। इसमें उसके कमांडो भी शामिल हैं। यहां एटीएस को एक मकान में बने गैराज में अलकायदा के आतंकियों के छिपे होने का इनपुट मिला था। इसके बाद की कार्रवाई में दो आतंकियों अब तक पकड़ गया है। यहां के तीन घरों में इनके साथियों की तलाश में कमांडो तलाशी कर रहे हैं। एटीएस ने आसपास के 500 मीटर दायरे में बने घरों को खाली करा लिया है। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस भी मौके पर है।
15 साल से रह रहा था शाहिद
शाहिद 15 वर्ष से यहीं रह रहा है और मोटर गैराज का काम करता है। वहीं वसीम का बैट्री का काम है। दोनों से अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। दोनों आतंकियों के अलग अलग ठिकानों पर भी छापेमारी की जा रही है। इन आतंकियों के बहराइच कनेक्शन की बात भी सामने आई है। आतंकियों के पकड़े जाने की सूचना मिलने के बाद सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग वहां एकत्र हो गए, जिन्हेंं पीएसी के जवानों ने खदेड़ दिया। इस पूरे प्रकरण में लखनऊ पुलिस और स्थानीय अभिसूचना इकाई की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
आतंकियों के निशाने पर थे ये लोग
इन आतंकियों के निशाने पर कौन लोग थे, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है। इस घटना के बाद प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है और संदिग्धों की तलाश में छापेमारी जारी है। बताया जाता है कि आतंकी कई शहरों में सीरियल ब्लास्ट की योजना बना रहे थे। इस दौरान भाजपा कुछ बड़े नेता भी इनके निशाने पर थे।
दोनों का संबंध अलकायदा से
एटीएस ने रविवार को जिन दो आतंकियों को पकड़ा है, उनका संबंध अलकायदा से है। उनके नाम शाहिद और वसीम हैं। दुब्बगा में रियाज और सिराज के घरों में तलाशी चल रही है। सभी से पूछताछ भी हो रही है। मकान को सीज किया है। कमांडो घर के अंदर हैं।
मार्च 2017 में मार गिराया था आतंकी को
लखनऊ में इससे पहले भी मार्च 2017 में सुरक्षा बलों ने आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया था, जो आइएसआइएस के खुरासान मॉड्यूल का सदस्य था। वह कानपुर का रहने वाला था। वारदात के बाद कानपुर और उन्नाव में भी कई आतंकियों की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद सितंबर 2018 में चकेरी के जाजमऊ अहिरवां स्थित शिवनगर कॉलोनी पकड़े गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुज्जमां उर्फ कमरुद्दीन उर्फ डॉ. हुरैरा को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही चंद रोज पहले ही काकोरी में मतांतरण के मामले में उमर गौतम के ठिकानों पर छापा मारा गया था।