तेनाली राम : चूहा और भगवान
आज समाज डिजिटल, अम्बाला
एक जंगल मे एक छोटे से बिल मे एक चूहा रहता था, उसी जंगल मे एक बिल्ली भी रहती थी। बिल्ली को चूहे के बारे में पता चल गया था, इसलिए वह उस चूहे का शिकार करने के लिए हमेशा उसके आस-पास घूमा करती थी। चूहा बिल्ली से परेशान था, एक दिन चूहे को बिल्ली बिल के बाहर नही जाने दे रही थी। वह बिल के बाहर ही चूहे का इंतज़ार कर रही थी। चूहे ने इंतज़ार किया, फिर परेशान होकर जोर से बोला, हे भगवान आपने मुझे चूहा क्यों बनाया? काश में बिल्ली होता।3
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भगवान को चूहे के ऊपर दया आ गयी। और चूहे को बिल्ली बना दिया। कुछ दिन बाद बिल्ली (जो पहले चूहा था) जंगल की सैर पर निकला। उसके पीछे कुत्ते पड़ गए। वह बड़ी मुश्किल में घर पहुँची और परेशान होकर बोली, हे भगवान काश में एक कुत्ता होता।
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मुझे कुत्ता क्यों बनाया, काश में शेर होता
भगवान ने उसपर दया दिखाई और कुत्ता बना दिया। अब वह जंगल आराम से घूमने लगा। एक दिन जंगल मे टहलते हुए उसे एक शेर दिखा। शेर उसके पीछे ही पड़ गया। शेर से पीछा छुड़ाकर जब वह घर पहुँचा, तब उठाने बोला- है भगवान आपने मुझे कुत्ता क्यों बनाया, काश में शेर होता। भगवान ने अभी भी उसपर दया दिखाई, और उसे शेर बना दिया। अब वह पूरे जंगल मे राज करने लगा। सारे जंगल के जानवर उससे डरते थे। पर एक दिन एक शिकारी जंगल आया, और उसपर धारदार तीरों से वार करने लगा।
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उसने मुश्किल से शिकारी से पीछा छूटाया और घर आकर बोला हे भगवान आपने मुझे शेर क्यों बनाया? काश में मनुष्य होता। इस बार भगवान को उस पर दया नहीं आयी और भगवान बोले- मूर्ख चूहे! में तुझे चाहे भगवान ही क्यों न बना दु, तू रहेगा चूहा ही और यह कहते हुए भगवान ने वापस उसे चूहा बना दिया।
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शिक्षा : हमें परिस्तिथियों से घबराकर कभी भागना नहीं चाहिए बल्कि उनका डटकर सामना करना चाहिए।
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