ऑस्ट्रेलिया के सफल दौरे के बाद टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में पहले क्रिकेट टेस्ट में हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद टीम कम्पोज़ीशन को लेकर इन दिनों खूब चर्चा हुई। अगले टेस्ट में कौन खेलेगा और कौन बाहर होगा, यह काम वैसे तो टीम प्रबंधन का है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि टीम में एक लेग स्पिनर ज़रूर होना चाहिए और उसकी कमी को महसूस किया गया है। इस समय राहुल चाहर के रूप में एक लेग स्पिनर मौजूद है। उन्हें 13 फरवरी से शुरू होने वाले टेस्ट मैच की प्लेइंग इलेवन में मौका दिया जाना चाहिए था लेकिन मुझे अफसोस है कि उन्हें इस टेस्ट के शुरू होने से पहले ही 15 सदस्यों की टीम से बाहर कर दिया गया। वैसे भी इंग्लैंड की टीम शुरू से ही लेग स्पिनर को उतने अच्छे से नहीं खेल पाती। यही मौका है जब लेग स्पिनर इंग्लैंड के बल्लेबाज़ों पर दबाव बना सकता है। यह ठीक है कि टीम इंडिया के पास ज़्यादा विकल्प नहीं हैं लेकिन टीम इंडिया इस टेस्ट के लिए कुलदीप यादव पर भी भरोसा ज़ाहिर कर सकती है लेकिन यह सब कुछ रवि शास्त्री और विराट कोहली की सोच पर निर्भर करता है।
किसी भी कप्तान का प्रदर्शन टीम की स्ट्रैंथ पर काफी कुछ निर्भर करता है। आम तौर पर अगर टीम हारती है तो उस टीम के कप्तान को खराब कह दिया जाता है और अगर टीम जीतती है तो वही कप्तान अच्छा कहलाया जाता है। मेरे ख्याल से हमें इस बहस में नहीं पड़ना चाहिए। अभी सीरीज़ के तीन टेस्ट बाकी हैं। हमारी बल्लेबाज़ी काफी अच्छी है जो समय-समय पर कमाल का प्रदर्शन करती रही हैं। दिक्कत सिर्फ इतनी है कि हमारे खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते। हालांकि यह भी सच है कि आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतना अधिक होता है कि उनके पास ज़्यादा समय नहीं होता और वहीं युवा खिलाड़ी इंडिया ए के कार्यक्रमों में व्यस्त रहते हैं। अगर ये सब घरेलू क्रिकेट खेलेंगे तो इन्हें एक दूसरे का सामना करने का मौका मिलगा। यानी बल्लेबाज़ घरेलू स्तर पर स्पिनरों को खेलेंगे और स्पिनरों को भी अच्छी बल्लेबाज़ी के सामने प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा। इसमें दोनों को फायदा होगा।
दिलीप वेंगसरकर
(लेखक टीम इंडिया में बतौर बल्लेबाज़ 116 टेस्ट और 129 वनडे खेल चुके हैं)