प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
देश व राष्ट्र के निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। भारतीय संस्कृति में केवल शिक्षक को ही माता-पिता तुल्य माना गया है। उसे समाज के शिल्पकार की संज्ञा भी दी जाती है। किसी भी राष्ट्र का आर्थिक, समाजिक एवं सांस्कृतिक विकास उस देश की शिक्षा पर निर्भर करता है। उक्त शब्द मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री कवंरपाल गुर्जर ने डीएवी गर्ल्स कॉलेज में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान कहे। साथ ही उन्होंने कॉलेज को दो लाख 51 हजार रुपये अनुदान राशि देने की घोषणा भी की। कॉलेज की कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. आभा खेतरपाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान रसायन विभाग अध्यक्ष डा. अलका सिंघल, समाजशास्त्र विभाग अध्यक्ष डा. सीमा सेठी, अंग्रेजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. शशि शर्मा व डा. रीटा सिंह तथा गैर शिक्षक स्टाफ से संजय मिश्रा, बलबीर सिंह, प्रेम चंद व संजीव कुमार को सम्मानित किया गया।
कवंरपाल ने कहा कि शिक्षा की बदौलत आज की युवा पीढ़ी राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका अदा कर रही है। विद्यार्थियों को सदैव एक दूसरे से सीख कर समाज का नवनिर्माण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही समाज का पथ प्रदर्शक है। वे विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी देते हैं। शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए विद्यार्थी, वैज्ञानिक, इंजीनियर, डॉक्टर, नेता बनकर देश के विकास में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करते हैं। कॉलेज में 25 साल से ज्यादा सेवाएं दे चुके स्टाफ को उन्होंने बधाई भी दी।
डा. आभा खेतरपाल ने कहा कि पूर्व उप राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक भारत के नवनिर्माण में अहम भूमिका निभाए ताकि भारत विश्व गुरु बनने में समर्थ बन सके। कार्यक्रम को सफल बनाने में डीएवी स्कूल्स लोकल मैनेजिंग कमेटी चेयरमैन विजय कपूर, मनोविज्ञान विभाग अध्यक्ष शालिनी छाबड़ा, डा. मीनाक्षी सैनी व सेंट्रल बैंक आफ इंडिया ने सहयोग दिया।
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