नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के अंतर्गत आने वाले अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी पीठ के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटी) के सहयोग से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट इन कंस्ट्रक्शन इंडस्टीज विषय पर आयोजित पांच दिवसीय संकाय विकास संवर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को तनाव प्रबंधन पर केंद्रित वेबिनार का आयोजन किया गया।
इस आयोजन के अंतर्गत विशेषज्ञ वक्ता के रूप में एनआईटी, कुरुक्षेत्र के पूर्व प्रोफेर डा. पी.जे. फिलिप ने प्रतिभागी शिक्षकों को तनाव, उसके प्रकार, कारण और उससे निपटने के उपायों के विषय में जानकारी दी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने संदेश के माध्यम से इस विषय को शिक्षकों के लिए महत्त्वपूर्ण बताया और कहा कि कोरोना काल में जिस तरह से शिक्षा व्यवस्था में बदलाव देखने को मिल रहा है। उसके परिणाम स्वरूप विद्यार्थी व शिक्षक कहीं न कहीं तनाव का समाना कर रहे हैं।
ऐसे में शिक्षण कार्य को सुचारू रूप से जारी रखने व विद्यार्थियों को सकारात्मक बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि शिक्षक स्वयं तनाव प्रबंधन को लेकर सजग हों। प्रो. कुहाड़ ने कहा कि अवश्य ही यह आयोजन इस दिशा में उपयोगी साबित होगा।
अपने संदेश में विश्वविद्यालय कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय कोरोना काल में विकसित हुए तनाव को आरंभ से ही समझ रहा है और इससे निपटने के लिए विशेष रूप से हेल्पलाइन सेवा चलाई जा रही है। कोरोना से जंग, मनोविज्ञान के संग नामक इस प्रयास के माध्यम से विश्वविद्यालय निरंतर विद्यार्थियों, शिक्षकों व अन्य सहभागियों के मन में उपजने वाले तनाव से निपटने में मदद कर रहा है। संकाय विकास संवर्धन कार्यक्रम के तीसरे दिन के अंतिम सत्र में आयोजित इस वेबिनार का आरंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुआ।
इसके बाद विश्वविद्यालय के विकास को प्रदर्शित करने वाली डाक्यूमेंट्री फिल्म प्रतिभागियों को दिखाई गई। इसके पश्चात विशेषज्ञ वक्ता डा. पी.जे. फिलिप ने बताया कि किस तरह से तनाव आम और खास सभी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। उन्होंने कोरोना काल में बदले हालातों में इसके प्रभाव में हुए इजाफे और उससे प्रभावित हो रहे लोगों के संदर्भ में विशेष रूप से ध्यान आकर्षित किया। अपने संबोधन में डा. फिलिप ने तनाव के सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष उसके कारण और उससे बचाव के उपायों पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि तनाव से बचने के लिए नकारात्मक खबरों से दूर रहें, खुद को सक्रिय व व्यस्त रखें, शारीरिक गतिविधियां जारी रखें, ध्यान व योग का सहारा लें, काम के दौरान व्यक्तिगत जीवन को भी महत्त्व दें तथा दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहें।
इस आयोजन के संयोजक डा. विकास गर्ग व अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी पीठ के अधिष्ठाता डा. अजय कुमार बंसल ने बताया कि इस आयोजन में विभिन्न संस्थानों के करीब 134 प्रतिभागी शामिल हुए और उन्होंने विभिन्न सत्रों के माध्यम से शिक्षण से संबंधित पक्षों को जाना-समझा। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का समापन आगामी 30 जुलाई को होगा।