संजीव कौशिक, रोहतक:
Teacher And Doctor Marriage Example: शिक्षक समाज को हमेशा नई दिशा प्रदान करते हैं जिससे कि समाज में शिक्षा की ज्योति जलाने के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों पर भी प्रहार किया जा सके। एक शिक्षक को जब चिकित्सक का साथ मिल जाए तो इसे सोने पर सुहागा कहा जाएगा। दोनों एक समान विचारधारा के होने चाहिए।
पौराणिक परंपराएं दरकिनार Teacher And Doctor Marriage Example
शिक्षक बृजकिशोर और डॉ.सुरक्षा ने अपनी शादी में सभी प्रकार की पौराणिक परंपराओं को दरकिनार कर समाज के लिए एक अनोखी मिसाल कायम की है। बृजकिशोर ने अपनी शादी में दहेज नहीं लिया। इतना ही नहीं एक रुपए की सगाई भी स्वीकार नहीं की। इसके अलावा बिना गाजे-बाजे के व सब प्रकार की खानापूर्ति को छोड़कर महज अपने पारिवारिक सदस्यों पिता उमेद सिंह जालवाल,भाई डॉ. कंवल किशोर, डॉ. नंद किशोर व अपने कुछ दो-तीन चुनिंदा रिश्तेदारों के साथ अपनी दुल्हन को लेने गोहाना पहुँच गए। ससुराल पहुँचकर वर बृजकिशोर व वधू डॉ. सुरक्षा ने एक-दूसरे को वर माला पहनाई और एक दूजे के हो गए। हरियाणा के शिक्षा विभाग में कम्प्यूटर लेक्चरर बृजकिशोर मूल रूप से जुलाना के गाँव देवरड़ निवासी हैं व फिलहाल रोहतक की शिवाजी कॉलोनी में रहते हैं। इसी प्रकार आयुर्वेद में एम डी डॉ. सुरक्षा गोहाना के नरेश विरोधिया की बेटी है।
बिना अतिरिक्त खर्च परिणय सूत्र में बंधे Teacher And Doctor Marriage Example
दोनों ने अपने-अपने परिवार की सहमति से बिना किसी भी खर्च के परिणय सूत्र में बंधने का प्रण लिया और ऐसा ही किया। साधारण तौर पर शादी के बाद अब बृजकिशोर के परिवार ने अपने रिश्तेदारों सहित सभी परिचितों को रोहतक के शहीद मदनलाल धींगड़ा कम्युनिटी सेंटर में पार्टी दी। पार्टी के दौरान भी सामाजिक संस्थाओं को दिए गए दान के कारण यह शादी चर्चा का विषय बनी रही। इस सामाजिक पुनीत कार्य की हर कोई प्रशंसा करता नजर आ रहा है।
इन संस्थाओं को भेंट की राशि Teacher And Doctor Marriage Example
दूल्हा बृजकिशोर व दुल्हन डॉ.सुरक्षा ने पार्टी के दौरान समाज भलाई के लिए जनवादी महिला समिति रोहतक को 11 हजार, डॉ. भीमराव अंबेडकर सभा बड़वा भिवानी को 11 हजार व भारतीय प्रजापति हीरोज आगेर्नाइजेशन सोनीपत को 11 हजार की राशि भेंट की। इसी प्रकार समता मूलक महिला संगठन गोहाना व जन संघर्ष मंच गोहाना को 5500-5500 रुपए की राशि दी।
दहेज जैसी कुरीति पर लगे रोक: डॉ. सुरक्षा Teacher And Doctor Marriage Example
समाज में एक बार फिर दहेज का रिवाज बढ़ता जा रहा है। इस कुरीति पर रोक लगाने की जरूरत है। महज जागरूकता से ही दहेज रूपी बुराई को रोका जा सकता है ताकि कोई भी माता-पिता अपनी बेटी की शादी को लेकर चिंतित ना हो। दहेज एक बहुत बड़ी सामाजिक बुराई है। इस बुराई को दूर करने के लिए युवावर्ग को आगे आना चाहिए व बुजुर्गों को उनका सहयोग करना चाहिए। यदि दहेज की यह कुरीति खत्म हो जाए तो किसी भी माता- पिता को बेटी की शादी की चिंता नहीं होगी।