Tea for periods problems: आज के समय में ज्यादातर महिलाएं, पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों से परेशान रहती हैं। पीरियड्स के दिनों में दर्द हो या पीरियड्स का अनियमित होना, ऐसी समस्याएं महिलाओं को काफी परेशान करती हैं। शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतें अधिक परेशान करती हैं। हार्मोनल इंबैलेंस के भी कई कारण होते हैं, जिन पर समय रहते ध्यान देना चाहिए। पीरियड से जुड़ी मुश्किलों को हल करने में कई घरेलू नुस्खे कारगर हैं। यहां हम आपको घर में मौजूद चीजों से बनने वाली ऐसी ही एक चाय के बारे में बता रहे हैं, जो पीरियड्स की परेशानियों जैसे अनियमित पीरियड्स, क्रैम्प्स, इंफ्लेमेशन और ऐंठन को दूर करने में मदद करती है। इस चाय के बारे में आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानते हैं।
पीरियड की मुश्किलें हल करने के लिए घर पर बनाएं यह चाय
एक्सपर्ट इसे आयुर्वेदिक पीरियड टी का नाम देती हैं। यह पीरियड्स के सही तरीके से आने में मदद करती हैं।
मेथी के बीजों में एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये बीज, पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करते हैं।
मेथी के बीज, शरीर में हार्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद करते हैं। हार्मोनल इंबैलेंस, पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों का सबसे बड़ा कारण है।
इससे पीरियड्स खुलकर आते हैं और अनियमित पीरियड्स से भी राहत मिलती है।
तिल के बीज भी पीरियड फ्लो बढ़ाने में मदद करते हैं। हालांकि, इनका सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
ये बीज, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होते हैं और पीरियड्स को नियमित बनाते हैं।
गुड़, पीरियड्स से जुड़ी परेशानियों को दूर करता है। इससे पीरियड्स समय पर आते हैं और शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स भी बाहर निकलते हैं।
गुड़ में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये पीरियड के दिनों में होने वाले दर्द और सूजन को कम करता है।
हल्दी के सेवन में खून साफ होता है और खून की कमी दूर होती है।
हल्दी में, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह नेचुरल एंटी-स्पास्मोडिक है और इससे पीरियड्स नियमित होने में मदद मिलती है।
पीरियड की दिक्कतों को दूर करेगी यह आयुर्वेदिक चाय
सामग्री
पानी- 1 गिलास
मेथी के बीज- 1 टीस्पून
तिल के बीज- 1 टीस्पून
गुड़- 1 छोटा टुकड़ा
हल्दी- आधा टीस्पून
विधि
इन सभी चीजों को पानी में डालकर उबालें।
इसे आपको लगभग 5-7 मिनट तक उबालना है।
अब इसे छान लें और गुनगुना ही पिएं।
आपको इसे सुबह खाली पेट या शाम को पीना है।