Aaj Samaj (आज समाज),RTB Free Campaign, पानीपत: उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया ने टीवी मुक्त अभियान से संबंधित बैठक की समीक्षा करते हुए वीरवार को लघु सचिवालय में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य संस्थाओं, एन.जी. ओ व अन्य स्टेक होल्डर के साथ मिलकर टीबी मुक्त अभियान को एक जन आंदोलन के रूप में तेजी से आगे बढ़ाए। उन्होंने कहा कि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है इसके लिए सभी लोगों को मिलकर कार्य करना होगा।

टीबी का इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध

उन्होंने जिला के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या खांसी में बलगम या बलगम में खून आना, भूख व लगातार वजन कम होना, शाम के समय बुखार, रात को पसीना आना इत्यादि में से कोई भी लक्षण है तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को उपरोक्त में से कोई भी लक्षण पाया जाता है तो उसे तुरंत स्वास्थ्य संस्थान में जाकर टीबी की जांच करवानी चाहिए। यदि जांच में टीबी पाई जाती है तो तुरंत टीबी का इलाज शुरू करना चाहिए। टीबी का इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है।

डॉक्टर की सलाह अनुसार पूर्ण इलाज लेना चाहिए

उपायुक्त ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को टीबी हो जाती है तो उसे डॉक्टर की सलाह अनुसार पूर्ण इलाज लेना चाहिए। टीबी की जांच व इलाज सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध है। टीबी का इलाज लेने वालों को पोषण भत्ता व सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नोटिफाई करवाने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहन राशि मिलती है । उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि टीबी मरीज को इलाज की अवधि के दौरान प्रतिमाह 500 रुपये पोषण भत्ता दिया जा रहा है।

टीबी रोग के लक्षण

टीबी उन्मूलन अभियान के नोडल अधिकारी डॉक्टर ललित वर्मा ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या खांसी में बलगम या बलगम में खून आना, लगातार वजन कम होना, भूख ना लगना, दोपहर बाद बुखार आना, रात को पसीना आना इत्यादि लक्षण टीबी के हो सकते हैं।
टीबी रोग से सावधानियां
उन्होंने बताया कि जिस किसी भी व्यक्ति को टीबी हो गई है तो उसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। टीबी का पूर्णतया इलाज है। मरीज को चाहिए कि वह डॉक्टर की सलाह अनुसार उपचार लेना चाहिए। टीबी खांसने और छींकने से फैलती है, इसलिए टीबी मरीज को इधर-उधर खुले में नहीं थूकना चाहिए। खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा लगाना चाहिए। भीड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए।