Taxpayers Beware : जैसा की आप सब जानते है की वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है। और आयकर दाखिल करने की तिथि भी नजदीक आ रही है। सभी करदाता कर देने के लिए यह जानने में जुटे है की कोनसी कर प्रणाली का प्रयोग किया जाये नई या पुरानी ? ताकि कर बचाया जा सके।

इस बीच एक बड़ा सवाल यह है कि क्या पुरानी कर प्रणाली के तहत हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का दावा करने वाला व्यक्ति सोसायटी को दिए जाने वाले मेंटेनेंस शुल्क पर भी कर छूट का दावा कर सकता है।

आजकल शहरों में हाउसिंग सोसाइटियों में रहने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और उन्हें मेंटेनेंस शुल्क भी देना पड़ता है। तो क्या इस शुल्क पर भी कर छूट का लाभ उठाया जा सकता है? आइए विशेषज्ञों की राय से इस सवाल का जवाब जानते हैं।

मेंटेनेंस फीस पर भी टैक्स छूट का लाभ

आजकल शहरों में बड़ी संख्या में लोग हाउसिंग सोसाइटियों में रहते हैं, जहां उन्हें नियमित रूप से मेंटेनेंस शुल्क देना पड़ता है। एक तरह से यह भी किराए का ही हिस्सा है, लेकिन इसे सीधे तौर पर किराए के तौर पर नहीं माना जाता। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस मेंटेनेंस फीस पर भी टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है? ET की एक रिपोर्ट ने विशेषज्ञों के हवाले से इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है।

क्या मेंटेनेंस HRA छूट के दायरे में आता है

ITR फाइलिंग वेबसाइट Tax2Win.in के CEO अभिषेक सोनी का कहना है कि आयकर अधिनियम में मेंटेनेंस शुल्क पर HRA छूट का कोई खास उल्लेख नहीं है। उनका मानना ​​है कि अगर किराएदार मकान मालिक को मेंटेनेंस शुल्क देता है और मकान मालिक उस भुगतान को सोसायटी को भेजता है, तो इसे रेंटल एग्रीमेंट में किराए के हिस्से के रूप में उल्लेखित किया जाना चाहिए।

हालांकि, इससे मकान मालिक का किराया बढ़ जाएगा और उसे चुकाए गए खर्च (मेंटेनेंस शुल्क) से कोई लाभ नहीं मिलेगा। दूसरी ओर, यदि रखरखाव शुल्क का भुगतान सीधे किरायेदार द्वारा सोसायटी को किया जाता है, तो ऐसे रखरखाव शुल्क एचआरए कर छूट के लिए पात्र नहीं होंगे।

केवल किराए के भुगतान पर एचआरए

वहीं, नांगिया एंडरसन इंडिया की कार्यकारी निदेशक संजोली माहेश्वरी का कहना है कि आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (13ए) के प्रावधानों के अनुसार, वेतनभोगी करदाता द्वारा किराए पर लिए गए घर के संबंध में केवल किराए के भुगतान पर एचआरए पर कर छूट की अनुमति है।

अन्य व्यय, जैसे रखरखाव शुल्क, बिजली शुल्क, उपयोगिता भुगतान आदि, भले ही अनुबंध के अनुसार किराए का हिस्सा हों, लागू प्रावधानों के अनुसार किराए के भुगतान का हिस्सा नहीं माने जाएंगे और इसलिए, कर छूट का दावा करने के लिए पात्र नहीं होंगे।

त्रिलीगल की टैक्स पार्टनर अदिति गोयल के अनुसार, आयकर अधिनियम के तहत, वेतनभोगी कर्मचारी कुछ शर्तों को पूरा करने पर एचआरए छूट का दावा करने के पात्र हैं। ऐसी छूट नियोक्ता द्वारा किराए के भुगतान पर किए गए व्यय को पूरा करने के लिए विशेष रूप से दिए गए किसी भी भत्ते के संबंध में दी जाती है।

HRA छूट केवल किराए के भुगतान तक ही सीमित होनी चाहिए। ऐसे मामलों में जहां किरायेदार को रखरखाव शुल्क, बिजली बिल, पानी के बिल आदि के रूप में अतिरिक्त भुगतान करने की आवश्यकता होती है, ऐसी राशि जो किराए के रूप में योग्य नहीं है, उसे HRA छूट के लिए पात्र व्यय का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए।

पात्रता और गणना की विधि जानें

आमतौर पर, HRA को किसी कर्मचारी के वेतन ढांचे में एक घटक के रूप में शामिल किया जाता है। एक वेतनभोगी कर्मचारी HRA पर कर छूट का दावा कर सकता है यदि वह किराए के घर में रह रहा है और उसे वेतन के हिस्से के रूप में HRA मिलता है। आयकर अधिनियम की धारा 10(13) के तहत HRA कर छूट का दावा किया जा सकता है। आयकर कानून HRA कर छूट की राशि को परिभाषित करता है जिसका दावा कोई कर्मचारी कर सकता है।

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