***|| जय श्री राधे ||***
*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
***ll जय श्री राधे ll***
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दिनाँक-: 26/03/2022,शनिवार
नवमी, कृष्ण पक्ष
फाल्गुन
*** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)
दैनिक राशिफल
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
वृष
Taurus Horoscope 26 March 2022: मित्रों तथा पारिवारिक सदस्यों के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। प्रमाद न करें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। आज का दिन आपके लिए उन्नति भरा रहेगा, जो लोग विदेश में नौकरी के लिए प्रयास कर रहे थे, उन्हें कोई बेहतर अवसर मिल सकता है। आपको अचानक से धन लाभ मिलने के कारण आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, जिसके कारण आप अपने खर्चों में भी बढ़ोतरी कर लेंगे, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना है, नहीं तो बाद में आपको धन के संकट से जूझना पड़ सकता है। छोटे बच्चों के साथ आप मौज मस्ती करते नजर आएंगे और अपनी सभी चिंताओं से मुक्त रहेंगे। सायंकाल के समय आप अपने मित्रों के साथ किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं।
तिथि——— नवमी 20:01:01 तक
पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र—— पूर्वाषाढा 14:46:23
योग———–परिघ 22:56:56
करण——— तैतुल 09:01:53
करण———— गर 20:01:01
वार——————— शनिवार
माह————————- चैत्र
चन्द्र राशि——- धनु20:26:59
चन्द्र राशि—————– मकर
सूर्य राशि—————– मीन
रितु———————–वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर———————प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत —————-2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943
वृन्दावन
सूर्योदय————-06:17:55
सूर्यास्त—————18:32:11
दिन काल———– 12:14:15
रात्री काल————11:44:36
चंद्रास्त————- 12:31:52
चंद्रोदय————– 27:03:12
लग्न—- मीन 11°11′ , 341°11′
सूर्य नक्षत्र——– उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र————– पूर्वाषाढा
नक्षत्र पाया——————ताम्र
*** पद, चरण ***
फा—- पूर्वाषाढा 09:06:03
ढा—- पूर्वाषाढा 14:46:23
भे—- उत्तराषाढा 20:26:59
भो—-उत्तराषाढा 26:07:56
राहू काल 09:21 – 10:53 अशुभ
यम घंटा 13:57 – 15:29 अशुभ
गुली काल 06:18 – 07:50 अशुभ
अभिजित 12:01 -12:50 शुभ
दूर मुहूर्त 07:56 – 08:45 अशुभ
चोघडिया, दिन
काल 06:18 – 07:50 अशुभ
शुभ 07:50 – 09:21 शुभ
रोग 09:21 – 10:53 अशुभ
उद्वेग 10:53 – 12:25 अशुभ
चर 12:25 – 13:57 शुभ
लाभ 13:57 – 15:29 शुभ
अमृत 15:29 – 17:00 शुभ
काल 17:00 – 18:32 अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ 18:32 – 20:00 शुभ
उद्वेग 20:00 – 21:28 अशुभ
शुभ 21:28 – 22:56 शुभ
अमृत 22:56 – 24:24* शुभ
चर 24:24* – 25:53* शुभ
रोग 25:53* – 27:21* अशुभ
काल 27:21* – 28:49* अशुभ
लाभ 28:49* – 30:17* शुभ
होरा, दिन
शनि 06:18 – 07:19
बृहस्पति 07:19 – 08:20
मंगल 08:20 – 09:21
सूर्य 09:21 – 10:23
शुक्र 10:23 – 11:24
बुध 11:24 – 12:25
चन्द्र 12:25 – 13:26
शनि 13:26 – 14:27
बृहस्पति 14:27 – 15:29
मंगल 15:29 – 16:30
सूर्य 16:30 – 17:31
शुक्र 17:31 – 18:32
होरा, रात
बुध 18:32 – 19:31
चन्द्र 19:31 – 20:30
शनि 20:30 – 21:28
बृहस्पति 21:28 – 22:27
मंगल 22:27 – 23:26
सूर्य 23:26 – 24:24
शुक्र 24:24* – 25:23
बुध 25:23* – 26:22
चन्द्र 26:22* – 27:21
शनि 27:21* – 28:19
बृहस्पति 28:19* – 29:18
मंगल 29:18* – 30:17
उदयलग्न प्रवेशकाल
मीन > 05:46 से 07:16 तक
मेष > 07:16 से 10:00 तक
वृषभ > 10:06 से 11:40 तक
मिथुन > 11:40 से 13:00 तक
कर्क > 13:00 से 15:20 तक
सिंह > 15:20 से 16:25 तक
कन्या > 16:25 से 07:37 तक
तुला > 07:37 से 10:08 तक
वृश्चिक > 10:08 से 01:20 तक
धनु > 01:20 से 02:24 तक
मकर > 02:24 से 04:14 तक
कुम्भ > 04:14 से 05:46 तक
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विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 9 + 7 + 1 = 32 ÷ 4 = 0 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहू ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = सन्ताप कारक
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भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
*** विशेष जानकारी ***
* भगवान ऋषभ देव जयन्ती
* भगवान आदिनाथ जयन्ती एवं तप कल्याण दिवस (जैन)
*** शुभ विचार ***
पक्षिणां काकचाण्डालः पशूनां चैव कुक्कुरः ।
मुनीनां पापी चाण्डालः सर्वचाण्डालनिन्दकः ।।
।।चा o नी o।।
पक्षीयों में कौवा नीच है. पशुओ में कुत्ता नीच है. जो तपस्वी पाप करता है वो घिनौना है. लेकिन जो दूसरो की निंदा करता है वह सबसे बड़ा चांडाल है
*** सुभाषितानि ***
गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14
तत्र सत्त्वं निर्मलत्वात्प्रकाशकमनामयम् ।,
सुखसङ्गेन बध्नाति ज्ञानसङ्गेन चानघ ॥,
हे निष्पाप! उन तीनों गुणों में सत्त्वगुण तो निर्मल होने के कारण प्रकाश करने वाला और विकार रहित है, वह सुख के सम्बन्ध से और ज्ञान के सम्बन्ध से अर्थात उसके अभिमान से बाँधता है॥,6॥
*** आपका दिन मंगलमय हो ***
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आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
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