वृष राशिफल 25 अप्रैल 2022

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वृष राशिफल 25 अप्रैल 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग *** 
*** अथ पंचांगम् *** 
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-25/04/2022, सोमवार
दशमी, कृष्ण पक्ष
वैशाख
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल *** 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृष

आज का दिन आप परोपकार के कार्य में व्यतीत करेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी न करें। प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी। धन प्राप्ति के योग हैं। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएँगे। संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं। आपका कोई जमीन जायदाद से जुड़ा मुद्दा भी सुलझ सकता है,लेकिन आपको कार्यक्षेत्र में तोलमोल कर बोलना ही बेहतर रहेगा,नहीं तो आपकी अपने अधिकारियों से भी झड़प हो सकती है,जो लोग घर से दूर नौकरी में कार्यरत हैं,उन्हें अपने परिवार के सदस्यों की याद सता सकती है और वह उनसे मिलने आ सकते हैं। आप अपने व्यवसाय में रुके हुए धन की प्राप्ति के कारण प्रसन्न रहेंगे।आप परिवार के किसी सदस्य से किए वादे को पूरा करते नजर आएंगे,लेकिन किसी मित्र के स्वास्थ्य को लेकर आपका आपका मन परेशान रहेगा।

 

तिथि——— दशमी 25:37:30 तक
पक्ष———————- कृष्ण
नक्षत्र———धनिष्ठा 17:11:26
योग———- शुक्ल 20:53:24
करण——– वणिज 14:11:47
करण——विष्टि भद्र 25:37:30
वार——————– सोमवार
माह——————— वैशाख
चन्द्र राशि—————- कुम्भ
सूर्य राशि—————— मेष
रितु———————–वसंत
सायन——————– ग्रीष्म
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– नल
संवत्सर (उत्तर)————— राक्षस
विक्रम संवत————– 2079
विक्रम संवत (कर्तक)——–2078
शाका संवत————— 1944

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वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:46:35
सूर्यास्त————— 18:48:08
दिन काल————- 13:01:32
रात्री काल———— 10:57:34
चंद्रास्त————— 13:41:09
चंद्रोदय—————- 27:14:03

लग्न—- मेष 10°38′ , 10°38′

सूर्य नक्षत्र—————– अश्विनी
चन्द्र नक्षत्र——————-धनिष्ठा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

*** पद, चरण ***

गु—- धनिष्ठा 11:19:14

गे—- धनिष्ठा 17:11:26

गो—- शतभिषा 23:05:07

सा—- शतभिषा 29:00:17

पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को

*** ग्रह गोचर *** 

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य=मीन 10:12 अश्विनी , 4 ता
चन्द्र =कुम्भ 00°23 , धनिष्ठा, 3 गु
बुध =मेष 00 ° 07′ कृतिका ‘ 2 ई
शुक्र=कुम्भ 27°05, पू o भा o ‘ 3 दा
मंगल=कुम्भ 13°30 ‘ शतभिषा’ 2 सा
गुरु=मीन 02°30 ‘ पू o भा o, 4 दी
शनि=मकर 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 29°20’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 29°20 विशाखा , 3 ते

*** मुहूर्त प्रकरण *** 

राहू काल 07:24 – 09:02 अशुभ
यम घंटा 10:40 – 12:17 अशुभ
गुली काल 13:55 – 15:33 अशुभ
अभिजित 11:51 -12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 12:43 – 13:36 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:20 – 16:12 अशुभ

वास्तु दोष दूर करने के लिए कपूर से जुड़े जाने टिप्स Tips Related To Kapoor

*** पंचक अहोरात्र अशुभ *** 

चोघडिया, दिन
अमृत 05:47 – 07:24 शुभ
काल 07:24 – 09:02 अशुभ
शुभ 09:02 – 10:40 शुभ
रोग 10:40 – 12:17 अशुभ
उद्वेग 12:17 – 13:55 अशुभ
चर 13:55 – 15:33 शुभ
लाभ 15:33 – 17:10 शुभ
अमृत 17:10 – 18:48 शुभ

चोघडिया, रात
चर 18:48 – 20:10 शुभ
रोग 20:10 – 21:33 अशुभ
काल 21:33 – 22:55 अशुभ
लाभ 22:55 – 24:17* शुभ
उद्वेग 24:17* – 25:39* अशुभ
शुभ 25:39* – 27:01* शुभ
अमृत 27:01* – 28:24* शुभ
चर 28:24* – 29:46* शुभ

मंदिरों के करें दर्शन से मिलता है शांति और सुकून Get Peace And Relaxation

होरा, दिन
चन्द्र 05:47 – 06:52
शनि 06:52 – 07:57
बृहस्पति 07:57 – 09:02
मंगल 09:02 – 10:07
सूर्य 10:07 – 11:12
शुक्र 11:12 – 12:17
बुध 12:17 – 13:22
चन्द्र 13:22 – 14:28
शनि 14:28 – 15:33
बृहस्पति 15:33 – 16:38
मंगल 16:38 – 17:43
सूर्य 17:43 – 18:48

होरा, रात
शुक्र 18:48 – 19:43
बुध 19:43 – 20:38
चन्द्र 20:38 – 21:33
शनि 21:33 – 22:27
बृहस्पति 22:27 – 23:22
मंगल 23:22 – 24:17
सूर्य 24:17* – 25:12
शुक्र 25:12* – 26:07
बुध 26:07* – 27:01
चन्द्र 27:01* – 27:56
शनि 27:56* – 28:51
बृहस्पति 28:51* – 29:46

अक्षय तृतीया: शुभ मुहूर्त और शुभ कार्य Good Luck And Good Work

***  उदयलग्न प्रवेशकाल *** 

मेष > 04:20 से 06:09 तक
वृषभ > 06:09 से 08:02 तक
मिथुन > 08:02 से 10:15 तक
कर्क > 10:15 से 12:32 तक
सिंह > 12:32 से 14:44 तक
कन्या > 14:44 से 06:56 तक
तुला > 06:56 से 07:11 तक
वृश्चिक > 07:11 से 09:27 तक
धनु > 09:27 से 23:32 तक
मकर > 23:32 से 01:22 तक
कुम्भ > 01:22 से 02:52 तक
मीन > 02:52 से 04:20 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

हनुमान जी ने भक्तों से जुड़ा शनिदेव ने दिया था वचन Hanuman Ji With Shani Dev

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

जाने श्री दाऊजी मंदिर का इतिहास Know History Of Shri Dauji Temple

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 10 + 2 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान *** 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक , दुःख कारक

10 Largest Hanuman Statues भारत में यहां है 10 सबसे विशालकाय बजरंगबली की प्रतिमाएं

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

दोपहर 14:15 से रात्रि 25:38 तक

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशीनी

*** विशेष जानकारी *** 

* मुनि सुब्रतनाथ जयन्ती

* पंचक अहोरात्र

*** शुभ विचार *** 

अन्तः सारविहीनानामुपदेशो न जायते ।
मलयाचलसंसर्गान्न वेणुश्चन्दनायते ।।
।। चा o नी o।।

जिनके भेजे खाली है, वो कोई उपदेश नहीं समझते. यदि बास को मलय पर्वत पर उगाया जाये तो भी उसमे चन्दन के गुण नहीं आते.

*** सुभाषितानि *** 

गीता -: पुरुषोत्तमयोग अo-15

निर्मानमोहा जितसङ्गदोषाअध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामाः ।,
द्वन्द्वैर्विमुक्ताः सुखदुःखसञ्ज्ञैर्गच्छन्त्यमूढाः पदमव्ययं तत्‌ ॥,

जिनका मान और मोह नष्ट हो गया है, जिन्होंने आसक्ति रूप दोष को जीत लिया है, जिनकी परमात्मा के स्वरूप में नित्य स्थिति है और जिनकी कामनाएँ पूर्ण रूप से नष्ट हो गई हैं- वे सुख-दुःख नामक द्वन्द्वों से विमुक्त ज्ञानीजन उस अविनाशी परम पद को प्राप्त होते हैं॥,5॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो *** 
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आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

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