वृष राशिफल 22 सितंबर 2022

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Taurus Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक:- 22/09/2022, गुरुवार
द्वादशी, कृष्ण पक्ष
आश्विन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृष

प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। पारिवारिक चिंता में वृद्धि होगी। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी के व्यवहार से क्लेश हो सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार मिल सकता है, धैर्य रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।

तिथि———- द्वादशी 25:16:55 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——- आश्लेषा 26:02:08
योग————- शिव 09:42:34
करण———- कौलव 12:28:55
करण———– तैतुल 25:16:55
वार———————– गुरूवार
माह———————- आश्विन
चन्द्र राशि——- कर्क 26:02:08
चन्द्र राशि—————— सिंह
सूर्य राशि—————– कन्या
रितु————————- शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————– नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:08:39
सूर्यास्त—————- 18:14:49
दिन काल————- 12:06:10
रात्री काल————- 11:54:16
चंद्रास्त—————- 16:31:18
चंद्रोदय—————- 27:29:05

लग्न—- कन्या 4°50′ , 154°50′

सूर्य नक्षत्र———- उत्तरा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————- आश्लेषा
नक्षत्र पाया——————- रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

डी—- आश्लेषा 06:22:26

डू—- आश्लेषा 12:57:24

डे—- आश्लेषा 19:30:40

डो—- आश्लेषा 26:02:08

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 04 :12 उ o फ़ाo , 3 पा
चन्द्र =मिथन 19 °23, अश्लेषा , 1 डी
बुध =कन्या 07 ° 34′ उ o फा ‘ 4 पी
शुक्र=सिंह 26°05, उ o फ़ा o ‘ 1 टे
मंगल=वृषभ 22°30 ‘ रोहिणी’ 4 वु
गुरु=मीन 10°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=मकर 25°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 21°30’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 21°30 विशाखा , 1 ती

राहू काल 13:43 – 15:13 अशुभ
यम घंटा 06:09 – 07:39 अशुभ
गुली काल 09:10 – 10:41 अशुभ
अभिजित 11:48 – 12:36 शुभ
दूर मुहूर्त 10:11 – 10:59 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:01 – 15:50 अशुभ
वर्ज्यम 13:50 – 15:35 अशुभ

🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:09 – 07:39 शुभ
रोग 07:39 – 09:10 अशुभ
उद्वेग 09:10 – 10:41 अशुभ
चर 10:41 – 12:12 शुभ
लाभ 12:12 – 13:43 शुभ
अमृत 13:43 – 15:13 शुभ
काल 15:13 – 16:44 अशुभ
शुभ 16:44 – 18:15 शुभ

🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:15 – 19:44 शुभ
चर 19:44 – 21:13 शुभ
रोग 21:13 – 22:43 अशुभ
काल 22:43 – 24:12* अशुभ
लाभ 24:12* – 25:41* शुभ
उद्वेग 25:41* – 27:11* अशुभ
शुभ 27:11* – 28:40* शुभ
अमृत 28:40* – 30:09* शुभ

💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:09 – 07:09
मंगल 07:09 – 08:10
सूर्य 08:10 – 09:10
शुक्र 09:10 – 10:11
बुध 10:11 – 11:11
चन्द्र 11:11 – 12:12
शनि 12:12 – 13:12
बृहस्पति 13:12 – 14:13
मंगल 14:13 – 15:13
सूर्य 15:13 – 16:14
शुक्र 16:14 – 17:14
बुध 17:14 – 18:15

🚩होरा, रात
चन्द्र 18:15 – 19:14
शनि 19:14 – 20:14
बृहस्पति 20:14 – 21:13
मंगल 21:13 – 22:13
सूर्य 22:13 – 23:12
शुक्र 23:12 – 24:12
बुध 24:12* – 25:11
चन्द्र 25:11* – 26:11
शनि 26:11* – 27:11
बृहस्पति 27:11* – 28:10
मंगल 28:10* – 29:10
सूर्य 29:10* – 30:09

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

कन्या > 04:45 से 07:08 तक
तुला > 07:08 से 09:14 तक
वृश्चिक > 09:14 से 11:30 तक
धनु > 11:40 से 13:56 तक
मकर > 13:56 से 15:38 तक
कुम्भ > 15:38 से 17:06 तक
मीन > 17:06 से 17:40 तक
मेष > 17:40 से 19:14 तक
वृषभ > 19:14 से 22:00 तक
कर्क > 01:00 से 02:30 तक
सिंह > 02:30 से 04:51 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 12 + 5 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

27 + 27 + 5 = 59 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* द्वादशी श्राद्ध

*सन्यासीनां श्राद्ध

* गुरुनानक पुण्य दिवस

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

दुर्जनस्य च सर्पस्य वरं सर्पो न दुर्जनः ।
सर्पो दंशति काले तु दुर्जनस्तु पदे पदे ।।
।। चा o नी o।।

एक दुर्जन और एक सर्प मे यह अंतर है की साप तभी डंख मरेगा जब उसकी जान को खतरा हो लेकिन दुर्जन पग पग पर हानि पहुचने की कोशिश करेगा .

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविज्ञानयोग अo-13

सर्वेन्द्रियगुणाभासं सर्वेन्द्रियविवर्जितम्‌ ।,
असक्तं सर्वभृच्चैव निर्गुणं गुणभोक्तृ च ॥,

वह सम्पूर्ण इन्द्रियों के विषयों को जानने वाला है, परन्तु वास्तव में सब इन्द्रियों से रहित है तथा आसक्ति रहित होने पर भी सबका धारण-पोषण करने वाला और निर्गुण होने पर भी गुणों को भोगने वाला है॥,14॥,

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

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