वृष राशिफल 20 अक्टूबर 2022

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Taurus Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक:- 20/10/2022, गुरुवार
दशमी, कृष्ण पक्ष,
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृष

आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचाएं। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। आय बनी रहेगी। नौकरी में कार्यभार रहेगा। थकान महसूस होगी। सहकर्मी सहयोग नहीं करेंगे। चिंता रहेगी।

तिथि———– दशमी 16:04:13 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——– आश्लेषा 10:29:15
योग————- शुभ 17:50:55
करण——- विष्टि भद्र 16:04:13
करण————– बव 28:47:44
वार———————– गुरूवार
माह———————– कार्तिक
चन्द्र राशि——- कर्क 10:29:15
चन्द्र राशि——————- सिंह
सूर्य राशि——————— तुला
रितु————————- शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:23:06
सूर्यास्त—————- 17:44:27
दिन काल————- 11:21:20
रात्री काल———— 12:39:15
चंद्रास्त—————- 15:04:00
चंद्रोदय—————- 26:13:17

लग्न—- तुला 2°26′ , 182°26′

सूर्य नक्षत्र——————– चित्रा
चन्द्र नक्षत्र—————- आश्लेषा
नक्षत्र पाया——————- रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

डो—- आश्लेषा 10:29:15

मा—- मघा 17:01:55

मी—- मघा 23:32:33

मू—- मघा 30:01:03

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 01 :49 चित्रा , 3 रा
चन्द्र =कर्क 27 °23, अश्लेषा , 4 डो
बुध =कन्या 19 ° 34′ हस्त ‘3 ण
शुक्र=तुला 01°05, चित्रा ‘ 3 रा
मंगल=मिथुन 00°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 06°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°50 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°50 विशाखा , 4 ता

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 13:29 – 14:54 अशुभ
यम घंटा 06:23 – 07:48 अशुभ
गुली काल 09:13 – 10:39 अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:26 शुभ
दूर मुहूर्त 10:10 – 10:56 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:43 – 15:28 अशुभ
वर्ज्यम 23:33 – 25:16* अशुभ

🚩गंड मूल अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:23 – 07:48 शुभ
रोग 07:48 – 09:13 अशुभ
उद्वेग 09:13 – 10:39 अशुभ
चर 10:39 – 12:04 शुभ
लाभ 12:04 – 13:29 शुभ
अमृत 13:29 – 14:54 शुभ
काल 14:54 – 16:19 अशुभ
शुभ 16:19 – 17:44 शुभ

🚩चोघडिया, रात
अमृत 17:44 – 19:19 शुभ
चर 19:19 – 20:54 शुभ
रोग 20:54 – 22:29 अशुभ
काल 22:29 – 24:04* अशुभ
लाभ 24:04* – 25:39* शुभ
उद्वेग 25:39* – 27:14* अशुभ
शुभ 27:14* – 28:49* शुभ
अमृत 28:49* – 30:24* शुभ

💮होरा, दिन
बृहस्पति 06:23 – 07:20
मंगल 07:20 – 08:17
सूर्य 08:17 – 09:13
शुक्र 09:13 – 10:10
बुध 10:10 – 11:07
चन्द्र 11:07 – 12:04
शनि 12:04 – 13:01
बृहस्पति 13:01 – 13:57
मंगल 13:57 – 14:54
सूर्य 14:54 – 15:51
शुक्र 15:51 – 16:48
बुध 16:48 – 17:44

🚩होरा, रात
चन्द्र 17:44 – 18:48
शनि 18:48 – 19:51
बृहस्पति 19:51 – 20:54
मंगल 20:54 – 21:58
सूर्य 21:58 – 23:01
शुक्र 23:01 – 24:04
बुध 24:04* – 25:07
चन्द्र 25:07* – 26:11
शनि 26:11* – 27:14
बृहस्पति 27:14* – 28:17
मंगल 28:17* – 29:20
सूर्य 29:20* – 30:24

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

तुला > 05:15 से 07:26 तक
वृश्चिक > 07:26 से 09:46 तक
धनु > 09:46 से 12:16 तक
मकर > 12:16 से 13:54 तक
कुम्भ > 13:54 से 15:24 तक
मीन > 15:24 से 15:56 तक
मेष > 15:56 से 17:30 तक
वृषभ > 17:30 से 20:16 तक
कर्क > 20:16 से 00:46 तक
सिंह > 00:46 से 03:04 तक
कन्या > 03:09 से 05:15 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 10 + 5 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

25 + 25 + 5 = 55 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

सांय 16:04 तक समाप्त

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* विश्व एकता दिवस

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

रूपयौवनसम्पन्ना विशालकुलसम्भवाः ।
विद्याहीना न शोभन्ते निर्गन्धा इवकिशुकाः ।।
।। चा o नी o।।

रूप और यौवन से सम्पन्न तथा कुलीन परिवार में जन्मा लेने पर भी विद्या हीन पुरुष पलाश के फूल के समान है जो सुन्दर तो है लेकिन खुशबु रहित है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: भक्तियोग अo-12

अथ चित्तं समाधातुं न शक्रोषि मयि स्थिरम्‌ ।,
अभ्यासयोगेन ततो मामिच्छाप्तुं धनञ्जय ॥,

यदि तू मन को मुझमें अचल स्थापन करने के लिए समर्थ नहीं है, तो हे अर्जुन! अभ्यासरूप (भगवान के नाम और गुणों का श्रवण, कीर्तन, मनन तथा श्वास द्वारा जप और भगवत्प्राप्तिविषयक शास्त्रों का पठन-पाठन इत्यादि चेष्टाएँ भगवत्प्राप्ति के लिए बारंबार करने का नाम ‘अभ्यास’ है) योग द्वारा मुझको प्राप्त होने के लिए इच्छा कर॥,9॥,

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