वृष राशिफल 14 नवंबर 2022

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Taurus Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक :- 14/11/2022, सोमवार
षष्ठी, कृष्ण पक्ष,
मार्गशीर्ष
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृष

शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। मान बढ़ेगा। स्वजनों से मेल-मिलाप होगा। नौकरी में ऐच्छिक पदोन्नति की संभावना है। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। किसी की आलोचना न करें। खानपान का ध्यान रखें। आर्थिक संपन्नता बढ़ेगी।

तिथि————- षष्ठी 27:23:09 तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र——— पुनर्वसु 13:13:53
योग————– शुभ 23:40:45
करण————- गर 14:06:59
करण———– वणिज 27:23:09
वार———————– सोमवार
माह——————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——————— कर्क
सूर्य राशि——————— तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————– नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:40:18
सूर्यास्त—————–17:26:35
दिन काल————- 10:46:16
रात्री काल————- 13:14:29
चंद्रास्त—————- 11:43:45
चंद्रोदय————— 22:10:08

लग्न—- तुला 27°28′ , 207°28′

सूर्य नक्षत्र—————– विशाखा
चन्द्र नक्षत्र—————— पुनर्वसु
नक्षत्र पाया——————- रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

ही—- पुनर्वसु 13:13:53

हु—- पुष्य 19:58:44

हे—- पुष्य 26:43:26

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 27 :29 विशाखा , 3 ते
चन्द्र =कर्क 00°23, पुनर्वसु , 4 हो
बुध =वृश्चिक 00 ° 34′ विशाखा ‘4 तो
शुक्र=वृश्चिक 03°05, विशाखा ‘ 4 तो
मंगल=मिथुन 29°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो
गुरु=मीन 04°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 18°40 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 18°40 विशाखा , 4 ता

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 08:01 – 09:22 अशुभ
यम घंटा 10:43 – 12:03 अशुभ
गुली काल 13:24 – 14:45 अशुभ
अभिजित 11:42 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 12:25 – 13:08 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:34 – 15:17 अशुभ
वर्ज्यम 22:14 – 24:02* अशुभ

💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:40 – 08:01 शुभ
काल 08:01 – 09:22 अशुभ
शुभ 09:22 – 10:43 शुभ
रोग 10:43 – 12:03 अशुभ
उद्वेग 12:03 – 13:24 अशुभ
चर 13:24 – 14:45 शुभ
लाभ 14:45 – 16:06 शुभ
अमृत 16:06 – 17:27 शुभ

🚩चोघडिया, रात
चर 17:27 – 19:06 शुभ
रोग 19:06 – 20:45 अशुभ
काल 20:45 – 22:25 अशुभ
लाभ 22:25 – 24:04* शुभ
उद्वेग 24:04* – 25:43* अशुभ
शुभ 25:43* – 27:22* शुभ
अमृत 27:22* – 29:02* शुभ
चर 29:02* – 30:41* शुभ

💮होरा, दिन
चन्द्र 06:40 – 07:34
शनि 07:34 – 08:28
बृहस्पति 08:28 – 09:22
मंगल 09:22 – 10:16
सूर्य 10:16 – 11:10
शुक्र 11:10 – 12:03
बुध 12:03 – 12:57
चन्द्र 12:57 – 13:51
शनि 13:51 – 14:45
बृहस्पति 14:45 – 15:39
मंगल 15:39 – 16:33
सूर्य 16:33 – 17:27

🚩होरा, रात
शुक्र 17:27 – 18:33
बुध 18:33 – 19:39
चन्द्र 19:39 – 20:45
शनि 20:45 – 21:51
बृहस्पति 21:51 – 22:58
मंगल 22:58 – 24:04
सूर्य 24:04* – 25:10
शुक्र 25:10* – 26:16
बुध 26:16* – 27:22
चन्द्र 27:22* – 28:29
शनि 28:29* – 29:35
बृहस्पति 29:35* – 30:41

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

तुला > 03:34 से 05:45 तक
वृश्चिक > 05:45 से 08:06 तक
धनु > 08:06 से 10:36 तक
मकर > 10:36 से 12:14 तक
कुम्भ > 12:14 से 13:44 तक
मीन > 13:44 से 14:16 तक
मेष > 14:16 से 15:50 तक
वृषभ > 15:50 से 18:36 तक
कर्क > 18:36 से 11:06 तक
सिंह > 11:06 से 01:24 तक
कन्या > 01:24 से 03:26 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 6 + 2 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष

ज्ञानवेलायां= कष्ट कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

रात्रि 27:23 से प्रारम्भ

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशीनी

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* सर्वार्थ सिद्धि योग 13:14 से

* निंबार्क भगवान का छटी महोत्सव

*जवाहरलाल नेहरू जयंती

*बाल दिवस

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

वित्तंदेहि गुणान्वितेष मतिमन्नाऽन्यत्रदेहि क्वचित् ।
प्राप्तं वारिनिधेर्जलं घनमुचां माधुर्ययुक्तं सदा
जीवाः स्थावरजड्गमाश्च सकला संजीव्य भूमण्डलं ।
भूयः पश्यतदेवकोटिगुणितंगच्छस्वमम्भोनिधिम् ।।
।। चा o नी o।।

हे विद्वान् पुरुष ! अपनी संपत्ति केवल पात्र को ही दे और दूसरो को कभी ना दे. जो जल बादल को समुद्र देता है वह बड़ा मीठा होता है. बादल वर्षा करके वह जल पृथ्वी के सभी चल अचल जीवो को देता है और फिर उसे समुद्र को लौटा देता है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

अनेकबाहूदरवक्त्रनेत्रंपश्यामि त्वां सर्वतोऽनन्तरूपम्‌ ।,
नान्तं न मध्यं न पुनस्तवादिंपश्यामि विश्वेश्वर विश्वरूप ॥,

हे सम्पूर्ण विश्व के स्वामिन्! आपको अनेक भुजा, पेट, मुख और नेत्रों से युक्त तथा सब ओर से अनन्त रूपों वाला देखता हूँ।, हे विश्वरूप! मैं आपके न अन्त को देखता हूँ, न मध्य को और न आदि को ही॥,16॥,

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