***|| जय श्री राधे ||***
*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-01/06/2022, बुधवार
द्वितीया, शुक्ल पक्ष
ज्येष्ठ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
*** दैनिक राशिफल ***
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
वृष
आज के दिन आपका दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। आपको मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलेगा। ननिहाल पक्ष के लोगों से यदि आज आप धन उधार मांगेगे,तो वह भी आपको आसानी से मिल जायेगा। चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से हानि होगी। अपने काम से काम रखें। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें। आवास संबंधी समस्या हल होगी। आलस्य न करें। सोचे काम समय पर नहीं हो पाएँगे। आज आपके धन,पद व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पढ़ाई में आपको एकजुट होकर लगना होगा,तभी आप सफलता हासिल कर सकेंगे। यदि परिवार में कोई मांगलिक कार्यक्रम हो,तो उसमें आपको परिवार के सदस्यों से बातचीत व सलाह मशवरा करना बेहतर रहेगा। आपको विरोधियों की रणनीति को समझ कर सावधान रहना होगा।
तिथि———- द्वितीया 21:46:23 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र——— मृगशिरा 12:59:20
योग————– शूल 25:32:33
करण———– बालव 08:31:43
करण———– कौलव 21:46:23
वार————————-बुधवार
माह————————– ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——————–मिथुन
सूर्य राशि——————- वृषभ
रितु————————- ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर)—————– राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)——— 2079
शाका संवत—————- 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:25:23
सूर्यास्त————— 19:08:54
दिन काल————- 13:43:30
रात्री काल————- 10:16:18
चंद्रोदय————— 06:30:23
चंद्रास्त—————- 21:01:42
लग्न—- वृषभ 16°21′ , 46°21′
सूर्य नक्षत्र—————– रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र—————- मृगशिरा
नक्षत्र पाया——————- लोहा
*** पद, चरण ***
का—- मृगशिरा 06:13:51
की—- मृगशिरा 12:59:20
कु—- आर्द्रा 19:45:05
घ—- आर्द्रा 26:31:01
*** ग्रह गोचर ***
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
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सूर्य=वृषभ 16:12 रोहिणी , 2 वा
चन्द्र = मिथुन 21°23 , मृगशिरा , 3 का
बुध =वृषभ 02 ° 07′ कृतिका ‘ 2 ई
शुक्र=मेष 09°05, अश्विनी ‘ 3 चो
मंगल=मीन 11°30 ‘ उoभाo’ 3 झ
गुरु=मीन 09°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि=कुम्भ 01°33 ‘ उ o भा o ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 27°20’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 27°20 विशाखा , 3 ते
*** मुहूर्त प्रकरण ***
राहू काल 12:17 – 14:00 अशुभ
यम घंटा 07:08 – 08:51 अशुभ
गुली काल 10:34 – 12:17 अशुभ
अभिजित 11:50 -12:45 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:50 – 12:45 अशुभ
चोघडिया, दिन
लाभ 05:25 – 07:08 शुभ
अमृत 07:08 – 08:51 शुभ
काल 08:51 – 10:34 अशुभ
शुभ 10:34 – 12:17 शुभ
रोग 12:17 – 14:00 अशुभ
उद्वेग 14:00 – 15:43 अशुभ
चर 15:43 – 17:26 शुभ
लाभ 17:26 – 19:09 शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग 19:09 – 20:26 अशुभ
शुभ 20:26 – 21:43 शुभ
अमृत 21:43 – 23:00 शुभ
चर 23:00 – 24:17* शुभ
रोग 24:17* – 25:34* अशुभ
काल 25:34* – 26:51* अशुभ
लाभ 26:51* – 28:08* शुभ
उद्वेग 28:08* – 29:25* अशुभ
होरा, दिन
होरा, दिन
बुध 05:25 – 06:34
चन्द्र 06:34 – 07:43
शनि 07:43 – 08:51
बृहस्पति 08:51 – 09:59
मंगल 09:59 – 11:09
सूर्य 11:09 – 12:17
शुक्र 12:17 – 13:26
बुध 13:26 – 14:34
चन्द्र 14:34 – 15:43
शनि 15:43 – 16:52
बृहस्पति 16:52 – 18:00
मंगल 18:00 – 19:09
होरा, रात
सूर्य 19:09 – 20:00
शुक्र 20:00 – 20:52
बुध 20:52 – 21:43
चन्द्र 21:43 – 22:34
शनि 22:34 – 23:26
बृहस्पति 23:26 – 24:17
मंगल 24:17* – 25:08
सूर्य 25:08* – 25:59
शुक्र 25:59* – 26:51
बुध 26:51* – 27:42
चन्द्र 27:42* – 28:34
शनि 28:34* – 29:25
*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***
वृषभ > 03:42 से 05:40 तक
मिथुन > 05:40 से 07:53 तक
कर्क > 07:53 से 10:10 तक
सिंह > 10:10 से 12:18 तक
कन्या > 12:18 से 14:34 तक
तुला > 14:34 से 16:49 तक
वृश्चिक > 16:49 से 19:10 तक
धनु > 19:10 से 21:10 तक
मकर > 21:10 से 22:56 तक
कुम्भ > 22:56 से 00:29 तक
मीन > 00:29 से 01:56 तक
मेष > 01:56 से 03:42 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
2 + 4 + 1 = 7 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
** ग्रह मुख आहुति ज्ञान **
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
* शिव वास एवं फल -:
2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि सन्निधौ = शुभ कारक
* भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
** विशेष जानकारी **
* सर्वार्थ सिद्धि योग 12:59 तक
*अंतराष्ट्रीय बाल सुरक्षा दिवस
*** शुभ विचार ***
क्रोधो वैवस्वतो राहा तृष्णा वैतरणी नदी ।
विद्या कामदुधा धेनुः सन्तोषो नन्दनंवनम् ।।
।। चा o नी o।।
क्रोध साक्षात् यम है. तृष्णा नरक की और ले जाने वाली वैतरणी है. ज्ञान कामधेनु है. संतोष ही तो नंदनवन है.
*** सुभाषितानि ***
गीता -: श्रद्धात्रयविभागयोग अo-17
ये शास्त्रविधिमुत्सृज्य यजन्ते श्रद्धयान्विताः।,
तेषां निष्ठा तु का कृष्ण सत्त्वमाहो रजस्तमः॥,
अर्जुन बोले- हे कृष्ण! जो मनुष्य शास्त्र विधि को त्यागकर श्रद्धा से युक्त हुए देवादिका पूजन करते हैं, उनकी स्थिति फिर कौन-सी है? सात्त्विकी है अथवा राजसी किंवा तामसी?॥,1॥
*** आपका दिन मंगलमय हो ***
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आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
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