🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
दिनाँक:- 17/08/2022, बुधवार
षष्ठी, कृष्ण पक्ष,
भाद्रपद
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
🚩💮🙏 दैनिक राशिफल 🚩💮🙏
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
वृष
आज आप अपनी मीठी वाणी का प्रयोग करके कार्यक्षेत्र में वह सब कुछ पा सकते हैं,जिसकी आपके पास अभी तक कमी थी,लेकिन आपको संतान के भविष्य के लिए कुछ धन संचय करने पर जीवनसाथी से विचार अवश्य करना होगा। यात्रा, नौकरी व निवेश लाभदायक रहेंगे। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी। संतान की शिक्षा संबंधी समस्या रह सकती है। कार्य, व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा। संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। आपके परिवार के सदस्य आपके लिए किसी सरप्राइस पार्टी का आयोजन कर सकते हैं। आपको अपने आसपास रह रहे लोगों से कोई सम्मान प्राप्त हो सकता है। नौकरी में कार्यरत लोगों को अपने साथी से सावधान रहना होगा,नहीं तो वह उनका कोई बनता हुआ काम बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं।
तिथि————- षष्ठी 20:24:03 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——— अश्विनी 21:56:06
योग————– गण्ड 20:54:26
करण————– गर 08:14:02
करण———– वणिज 20:24:03
वार———————— बुधवार
माह———————– भाद्रपद
चन्द्र राशि——————– मेष
सूर्य राशि——– कर्क 07:21:07
सूर्य राशि—————— सिंह
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————–शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:51:54
सूर्यास्त—————- 18:54:16
दिन काल————–13:02:21
रात्री काल————–10:58:08
चंद्रास्त—————- 10:59:43
चंद्रोदय—————–22:29:22
लग्न—- कर्क 29°56′ , 119°56′
सूर्य नक्षत्र—————–आश्लेषा
चन्द्र नक्षत्र—————– अश्विनी
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण
🌺🌺पद, चरण 🚩💮🚩
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
चे—- अश्विनी 09:24:33
चो—- अश्विनी 15:38:47
ला—- अश्विनी 21:56:06
ली—- भरणी 28:16:24
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
सूर्य=कर्क 29:12 अश्लेषा , 4 डो
चन्द्र =मेष 04 °23, अश्विनी , 2 चे
बुध =सिंह 25 ° 07′ पू o फा o ‘ 4 टू
शुक्र=कर्क 12°05, पुष्य ‘ 3 हो
मंगल=वृषभ 03°30 ‘ कृतिका ‘ 2 ई
गुरु=मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 23°20’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 23°20 विशाखा , 2 तू
🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
राहू काल 12:23 – 14:01 अशुभ
यम घंटा 07:30 – 09:07 अशुभ
गुली काल 10:45 – 12:23 अशुभ
अभिजित 11:57 – 12:49 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:57 – 12:49 अशुभ
🚩गंड मूल 05:52 – 21:56 अशुभ
🚩चोघडिया, दिन 🚩
लाभ 05:52 – 07:30 शुभ
अमृत 07:30 – 09:07 शुभ
काल 09:07 – 10:45 अशुभ
शुभ 10:45 – 12:23 शुभ
रोग 12:23 – 14:01 अशुभ
उद्वेग 14:01 – 15:39 अशुभ
चर 15:39 – 17:16 शुभ
लाभ 17:16 – 18:54 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:54 – 20:17 अशुभ
शुभ 20:17 – 21:39 शुभ
अमृत 21:39 – 23:01 शुभ
चर 23:01 – 24:23* शुभ
रोग 24:23* – 25:46* अशुभ
काल 25:46* – 27:08* अशुभ
लाभ 27:08* – 28:30* शुभ
उद्वेग 28:30* – 29:52* अशुभ
🚩होरा, दिन
बुध 05:52 – 06:57
चन्द्र 06:57 – 08:02
शनि 08:02 – 09:07
बृहस्पति 09:07 – 10:13
मंगल 10:13 – 11:18
सूर्य 11:18 – 12:23
शुक्र 12:23 – 13:28
बुध 13:28 – 14:33
चन्द्र 14:33 – 15:39
शनि 15:39 – 16:44
बृहस्पति 16:44 – 17:49
मंगल 17:49 – 18:54
🚩होरा, रात
सूर्य 18:54 – 19:49
शुक्र 19:49 – 20:44
बुध 20:44 – 21:39
चन्द्र 21:39 – 22:34
शनि 22:34 – 23:28
बृहस्पति 23:28 – 24:23
मंगल 24:23* – 25:18
सूर्य 25:18* – 26:13
शुक्र 26:13* – 27:08
बुध 27:08* – 28:03
चन्द्र 28:03* – 28:58
शनि 28:58* – 29:52
🚩🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
कर्क > 02:47 से 05:04 तक
सिंह > 05:04 से 07:10 तक
कन्या > 07:10 से 09:20 तक
तुला > 09:20 से 11:34 तक
वृश्चिक > 11:34 से 13:50 तक
धनु > 13:50 से 16:20 तक
मकर > 16:20 से 17:54 तक
कुम्भ > 17:54 से 19:26 तक
मीन > 19:26 से 20:00 तक
मेष > 20:00 से 10:32 तक
वृषभ > 10:32 से 00:24 तक
मिथुन > 00:24 से 02:44 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
🚩दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 6 + 4 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
गुरु ग्रह मुखहुति
🚩 शिव वास एवं फल -:
21 + 21 + 5 = 47 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्रि 20:24 तक समाप्त
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
🚩🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* सिंहॆ सूर्य प्रातः 07: 21पर
* हल षष्ठी
* बलदेव षष्ठी
*अक्षय षष्ठी
🚩🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
राजा राष्ट्रकृतं पापं राज्ञः पापं पुरोहितः ।
भर्ता च स्त्रीकृतं पापं शिष्यपापं गुरुस्तथा ।।
।। चा o नी o।।
राजा को उसके नागरिको के पाप लगते है. राजा के यहाँ काम करने वाले पुजारी को राजा के पाप लगते है. पति को पत्नी के पाप लगते है. गुरु को उसके शिष्यों के पाप लगते है।
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18
भक्त्या मामभिजानाति यावान्यश्चास्मि तत्त्वतः।,
ततो मां तत्त्वतो ज्ञात्वा विशते तदनन्तरम्॥,
उस पराभक्ति के द्वारा वह मुझ परमात्मा को, मैं जो हूँ और जितना हूँ, ठीक वैसा-का-वैसा तत्त्व से जान लेता है तथा उस भक्ति से मुझको तत्त्व से जानकर तत्काल ही मुझमें प्रविष्ट हो जाता है॥,55॥,
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
यह भी पढ़ें महादेव की आराधना से मिलता है मोक्ष
यह भी पढ़ें हनुमान जी ने भक्तों से जुड़ा शनिदेव ने दिया था वचन
ये भी पढ़ें : सोमवती अमावस्या के दिन दुर्लभ संयोग
ये भी पढ़ें : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ