लं बे कालखंड तक चली कानूनी लड़ाई और आंदोलन के बीच अनेक प्राणों की आहुतियों और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में बढ़ी धार्मिक कट्टरता के बाद आखिरकार अनेक कोटि अनुयायियों के आराध्य मयार्दा पुरुषोत्तम राम टाट से ठाट वाले विश्व के सबसे वैभवशाली स्थान पर विराजमान होने को तैयार हैं। सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के तमाम देशों में पहली बार भादों के महीने में दीपावली मनाई गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने का उल्लासपूर्ण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
भूमिपूजन और मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होने के कार्यक्रम से भगवान राम की नगरी अयोध्या एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी छाई हुई है। मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम न सिर्फ भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर आस्था और आकर्षण का केंद्र बना रहा और इस बात का साक्षी पूरे विश्व का मीडिया और सोशल मीडिया बना। ट्विटर पर पधारो राम अयोध्या धाम, कई घंटे तक ट्रेंड करता रहा।
कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके लेकिन उन्होंने अपनी भावनाएं और आस्था सोशल मीडिया पर खूब व्यक्त की। लोगों ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है। पाकिस्तान के अखबार डान और अरब के अलजजीरा की आलोचना को छोड़ दें तो अंतरराष्ट्रीय मीडिया में भी यह आयोजन सुर्खियों में रहा। अगले तीन साल में पूरा होने पर यह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में एक होगा और इसमें कोई शक नहीं कि दशकों से मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही राम की नगरी अयोध्या की तरक्की होगी। यह वही अयोध्या है जहां पिछले तीन दशक के दौरान हुई तमाम घटनाओं को मैंने अपनी आंखों से देखा है और यह भी महसूस किया है कि जब मंदिर आंदोलन के समय इस नगर में लाखों रामभक्तों की भीड़ जुटती थी तो तमाम कोशिश के बावजूद वहां एक टॉयलेट तक ढूंढे नहीं मिलता था।
जिस अयोध्या के नाम पर देश की सियासत की धारा बदल गई, वह नगर लगातार सरकारी उपेक्षा के नाते अति पिछड़ेपन का शिकार रहा। हमने वह वक़्त भी देखा है जब मंदिर मस्जिद के विवाद में देश में देंगे और विस्फोट हुए, तमाम जानें गईं लेकिन अयोध्या शांत रही और यहां के हिन्दू और मुस्लिम भाइयों का दोस्ताना मुकम्मल रहा। पूरी दुनिया ने अनेक बार राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मुकदमे के मुद्दई स्वर्गीय रामचन्द्र परमहंस दास और हाशिम अंसारी एक ही रिक्शे पर बैठकर अदालत में तारीख पर पैरवी करते जाते देखा है। शुक्र है, देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले के बाद रामलला को इंसाफ मिला और खुशी की बात है कि अब अयोध्या को भी उसके धैर्य के लिए न्याय मिलने जा रहा है।
सदियों तक फैजाबाद जिले से सटा एक छोटा सा कस्बा रहा अयोध्या अब नगर निगम है और शहर की तरक्की के लिए सैकड़ों करोड़ की विकास परियोजनाओं परङ आम चल रहा है। अयोध्या में धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए बढ़िया सड़कों, एयरपोर्ट, मूलभूत व्यवस्थाओं और बेहतरीन सुविधाओं वाले होटल बनाने के लिए सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। अयोध्या में मंदिर बनने के फैसले के साथ ही यहां एयरपोर्ट बनाने की गतिविधियां तेज हो चुकी हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे भी अयोध्या होकर गुजरेगा तो काशी से अयोध्या तक भी फोर लेन बनाई जाएगी। अयोध्या तीर्थ विकास परिषद के गठन को भी बस कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है।
इसके अलावा अयोध्या विकास प्राधिकरण की सीमाओं का भी विस्तार किया जा रहा है ताकि आसपास के इलाके की सूरत भी संवर सके। सारे प्रयास अयोध्या को एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन के तौर पर चमकाने के लिए हो रहे हैं। अयोध्या एयरपोर्ट के बनने में अभी 7-8 साल का समय लगना तय है लेकिन लखनऊ और में विश्वस्तरीय एयरपोर्ट पहले से मौजूद हैं। यहां से अयोध्या तक पहुंचना आसान हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ से बनारस तक बन रहा फोर लेन अंतिम चरण में है तो बनारस से अयोध्या तक 192 किलोमीटर लंबे काशी-आयोध्या राजमार्ग को भी दो साल में बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। पर्यटक जब लखनऊ एयरपोर्ट उतरे तो अयोध्या जाएं। लखनऊ से लगभग डेढ़ तो बनारस के दो से ढाई घंटे का सफर तय कर अयोध्या पहुंचा जा सकेगा। इसके अलावा तीर्थ विकास परिषद अयोध्या में घाटों, मंदिरों और अन्य आधारभूत सुविधाओं को विकसित करेगी। अयोध्या में हर गली, हर घर में मंदिर हैं। इन्हें भी संवारा जाएगा। वहीं अयोध्या व आसपास के इलाके को प्राधिकरण अपनी सीमा में लेकर विकसित करेगा लिहाजा बड़े नामी गिरामी फाइव स्टार होटलों की आमद यहां होगी। इसके अलावा पर्यटन सुविधाओं में इजाफा होगा।
तरक्की की यह कहानी भी राममन्दित की तरह इतिहास बनेगी, बहुत बढ़िया बात है लेकिन राजनीति अयोध्या का पिंड नही छोड़ रही है यह दुख भी साथ साथ चल रहा है। अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उद्बोधन और अद्यतन वातावरण को लेकर भी राजनीतिक निहितार्थ निकाले जाने लगे हैं। राजनीतिक क्षेत्रों में माना जा रहा है कि यह महज मंदिर आंदोलन का उपसंहार नही है बल्कि यह संघ और भाजपा द्वारा देश की राजनीति को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ओर ले जाने का एक चरण मात्र है। यह स्थापित सत्य है कि आज की भाजपा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों के साथ आगे बढ़ रही है और प्रधानमंत्री स्वयं संघ से निकलकर राजनीति की मुख्य धारा में आए हैं।
संघ के अभीष्ट संकल्पों में मंदिर निर्माण के साथ जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति और देश मे समान आचार संहिता लागू करना भी शामिल है। देश में दूसरी बार सरकार बनाने के सालभर के गुजरी पांच अगस्त की दो तिथियों में भाजपा दो संकल्पों की व्यवहारिक परिणित तक पहुंच चुकी है। 2019 में अनुच्छेद 370 समाप्त किया और 2020 में कोरोना महामारी के आपदकाल के बीच मंदिर निर्माण का प्रारंभ जो अगले तीन साल में, उम्मीदनं, अगले लोकसभा चुनाव के पहले पूरा हो जाएगा। अब बाकी बचता है समान नागरिक संहिता का संकल्प , जिसकी बुनियाद तीन तलाक कानून की विधिक समाप्ति के साथ पड़ चुकी है।
राममंदिर के भूमिपूजन को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी और बसपा का भी स्टैंड इस बार बदला रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया में इशारे ही इशारे में मोदी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने लिखा ‘मयार्दा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं. राम प्रेम हैं। वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते। राम करुणा हैं, वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते। राम न्याय हैं, वे कभी अन्याय में प्रकट नहीं हो सकते। ‘ वैसे इधर कांग्रेस ने भगवान राम के प्रति अपना लगाव खुलकर जाहिर किया है। पहले ऐसा नहीं था क्योंकि भगवान राम और अयोध्या को अक्सर भारतीय जनता पार्टी के साथ जोड़ कर देखा जाता रहा है। कांग्रेस के पुराने स्टैंड में अब पूरी तरह से बदलाव दिखा है। प्रियंका गांधी ने कहा था कि राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु. राम नाम का सार है। रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।
(लेखक उत्तर प्रदेश प्रेस मान्यता समिति के अघ्यक्ष हैं। यह लेखक के निजी विचार हैं।)
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.