मोहाली। तरनतारन क्षेत्र में खाली प्लॉट में हुए विस्फोट में दो युवाओं की मौत व एक के जख्मी होने के मामले में एनआईए ने इस मामले में नामजद आठ आरोपियों को मोहाली की स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश किया। एनआईए ने इस मामले में हरजीत सिंह, अमृतपाल सिंह व गुरजंट सिंह को 11 तक रिमांड पर लिया है। जबकि बाकी आरोपियों मंदीप सिंह, चन्नप्रीत सिंह उर्फ बब्बर सिंह, मलकीत सिंह, अमरजीत सिंह व मनप्रीत सिंह को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले में विक्रमजीत सिंह बिक्कर हरप्रीत सिंह की ब्लॉस्ट में मौत हो गई थी। इस ब्लास्ट के दौरान गुरजंट सिंह की आंखों की रोशनी चली गई थी। एनआईए ने मानती है कि गुरजंट सिंह अहम आरोपी है जोकि मौका-ए-वारदात पर मौजूद था जिससे कई खुलासे हो सकते हैं क्योंकि गुरजंट ही बता सकता है कि उस समय विस्फोट के साथ क्या किया जा रहा था। जिक्रयोग्य है कि 4 सितंबर को गांव पंडोरी गोला रोड पर खाली प्लॉट में रात के समय ब्लास्ट हुआ था। जोरदार धमाके में हरप्रीत सिंह हैप्पी निवासी बचड़े, विक्रमजीत सिंह बिक्कर निवासी कदगिल की मौत हो गई थी और गुरजंट सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गया था। धमाके के बाद एनआईए, एसएफएल, बीडीडीएस, एनजीएस, आईबी अलावा पंजाब पुलिस ने अपने-अपने स्तर पर जांच शुरू की थी।
जांच में हो रहे हैं खुलासे
जांच में सामने आया था कि इस मामले के तार भी विदेशों में बैठे आतंकी ताकतों से जुड़े हुए पाए गए थे। उक्त लोगों की योजना दिव्य ज्योति जागृति संस्थान को निशाना बनाने की थी। कुछ दिन पहले यहां पर बम किसी और ने दबाया था और विदेश से मिले निर्देश पर उसे जमीन से निकालने वाली टीम दूसरी थी। यह बम पंजाब में दशहत फैलाने के लिए इरादे से तैयार किया गया था, लेकिन इससे पहले गलती से फट गया और सारी साजिश नाकाम हो गई। पुलिस ने मामले में रेडिकल संगठनों से जुड़े उक्त युवाओं को गिरफ्तार किया था। आरोपी हरजीत सिंह इन्हें लीड कर रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपियो को इस्लामिक देश आर्मेनिया से लाखों रुपए की फंडिंग हुई थी। पकड़े गए सभी आरोपियों की खातों में बारी-बारी से विदेशी फंडिंग हुई थी। ये 9 लाख की फंडिंग रेफरेंडम 2020 से ताल्लुक रखने वाले खालिस्तानी समर्थकों की ओर से गई थी।
जांच में हो रहे हैं खुलासे
जांच में सामने आया था कि इस मामले के तार भी विदेशों में बैठे आतंकी ताकतों से जुड़े हुए पाए गए थे। उक्त लोगों की योजना दिव्य ज्योति जागृति संस्थान को निशाना बनाने की थी। कुछ दिन पहले यहां पर बम किसी और ने दबाया था और विदेश से मिले निर्देश पर उसे जमीन से निकालने वाली टीम दूसरी थी। यह बम पंजाब में दशहत फैलाने के लिए इरादे से तैयार किया गया था, लेकिन इससे पहले गलती से फट गया और सारी साजिश नाकाम हो गई। पुलिस ने मामले में रेडिकल संगठनों से जुड़े उक्त युवाओं को गिरफ्तार किया था। आरोपी हरजीत सिंह इन्हें लीड कर रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस साजिश को अंजाम देने के लिए आरोपियो को इस्लामिक देश आर्मेनिया से लाखों रुपए की फंडिंग हुई थी। पकड़े गए सभी आरोपियों की खातों में बारी-बारी से विदेशी फंडिंग हुई थी। ये 9 लाख की फंडिंग रेफरेंडम 2020 से ताल्लुक रखने वाले खालिस्तानी समर्थकों की ओर से गई थी।