Indian Stock Market : भारतीय शेयर बाजार पर टैरिफ वार का साया

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Indian Stock Market : भारतीय शेयर बाजार पर टैरिफ वार का साया

सप्ताह के पहले दिन खुलते ही भारतीय शेयर बाजार में जोरदार गिरावट, सेंसेक्स और निफ्टी करीब1-1 फीसदी गिरे

Indian Stock Market (आज समाज), नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा तीन देशों पर टैरिफ लगाने का असर सीधे तौर पर दुनिया भर के शेयर बाजारों में साफ दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां चीन, कनाडा व जापान के शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं भारतीय शेयर बाजार भी सप्ताह के पहले दिन गिरावट में काम कर रहे हैं। सेंसेक्स और निफ्टी करीब 1-1 फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहे हैं।

शेयर बाजार में गिरावट का कारण वित्त मंत्री द्वारा संसद में शनिवार को पेश किए गए आम बजट का भी असर बताया जा रहा है। वहीं भारत की वित्त मंत्री ने भी यह स्वीकार किया है कि आने वाले दिनों में इस टैरिफ वार का असर भारत में देखने को मिल सकता है।

अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर ये बोलीं वित्त मंत्री

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान भी इस अहम मुद्दे पर आया है। इस बारे बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अप्रत्यक्ष रूप से हम पर असर हो सकता है। हम अभी नहीं जानते कि क्या होने वाला है। हम सतर्क रहेंगे, लेकिन हम इस समय यह अनुमान नहीं लगा सकते कि इसका हम पर क्या प्रभाव होगा। हालांकि, इस घटना से मैं चितिंत नहीं हूं।

हमारे पास अपने सेवा क्षेत्र में ताकत

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि मैं भारत की स्थिति, भारत की अर्थव्यवस्था को विशेष रूप से तब देख रही हूं जब हम चाहते हैं कि भारत एक विनिर्माण केंद्र बने। हमारे पास अपने सेवा क्षेत्र में ताकत है, भारत में सॉफ्टवेयर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ताकत काफी बढ़ चुकी है।

विश्व को एक संतुलित टैरिफ दृष्टिकोण की जरूरत

निर्मला सीतारमण ने एक संतुलित टैरिफ दृष्टिकोण की आवश्यकता की ओर इशारा किया। आवश्यक आयातों में अनावश्यक टैरिफ लगाए बिना घरेलू उद्योगों की रक्षा की जाए। कई वस्तुएं हैं, जो भारत में उपलब्ध नहीं है, उन पर ज्यादा टैरिफ लगाने से हमारा फायदा नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसलों से पूरी दुनिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मौजूदा समय में पूरे विश्व को एकजुट होकर पर्यावरण असंतुलन, गरीबी, भूखमरी, आतंकवाद आदि से लड़ने की जरूरत है। ऐसे समय में किसी शक्तिशाली देश द्वारा लिए गए इस तरह के निर्णय हानिकारक साबित होंगे।

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