- जहाज गुजरने पर पांच मिनट में 17 मी. तक ऊपर उठाया जा सकेगा पुल
PM Modi In Rameswaram, (आज समाज), चेन्नई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया पंबन रेलवे पुल (New Pamban Railway Bridge) देश को समर्पित कर दिया है। तमिलनाडु के रामेश्वरम में उन्होंने रामनवमी के अवसर पर थोड़ी देर पहले बटन दबाकर देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज (न्यू पंबन ब्रिज) का शुभारंभ किया। इसके बाद रामेश्वरम से तांब्रम तक चलने वाली पहली ट्रेन पंबन ब्रिज को पार कर गई। पीएम ने राज्य को करोड़ों रुपए की विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने 8300 करोड़ रुपए से ज्यादा की रेल व सड़क प्रोजेक्ट का शिलान्यास व उद्घाटन किया।
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110 साल पुराने ढांचे की जगह लेगा न्यू पंबन ब्रिज पुल
न्यू पंबन ब्रिज पुल, 2022 में बंद हो चुके 110 साल पुराने ढांचे की जगह लेगा। यह रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि पर मंडपम से जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने उद्घाटन के दौरान पुल के लिफ्ट तंत्र को रिमोट से संचालित किया। उन्होंने रामेश्वरम द्वीप और चेन्नई के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए नई रामेश्वरम-तांब्रम ट्रेन सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा उन्होंने एक जहाज व एक ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 8300 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत के विभिन्न रेल और सड़क प्रोजेक्ट का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
72.5 मीटर का नौवहन विस्तार
रेल मंत्रालय के अनुसार, तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में पाक जलडमरूमध्य पर बना 2.07 किलोमीटर लंबा पंबन ब्रिज भारत की इंजीनियरिंग क्षमता और दूरदर्शी बुनियादी ढांचे के विकास का प्रमाण है। रेल मंत्रालय के तहत एक नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम – रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा 700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित इस पुल में 72.5 मीटर का नौवहन विस्तार है। जहाज गुजरने पर इसे पांच मिनट में लंबवत (vertical) रूप से 17 मीटर तक ऊपर उठाया जा सकता है। इससे जहाज सुरक्षित रूप से नीचे से गुजर सकते सकेंगे।
पीएम मोदी ने 2019 में रखी थी नींव
प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर 2019 में न्यू पंबन ब्रिज की नींव रखी थी। स्टील से बने इस पुल को डबल ट्रैक और हाई-स्पीड ट्रेनों के लिए तैयार किया गया है। इसके ऊपर पर पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग की गई है, जो इसे समुद्र के नमकीन पानी और जंग आदि से सुरक्षित रखेगी। जंब लगने के चलते पुराने पुल को 2022 में बंद कर दिया गया था। इसके बाद से रामेश्वम व मंडपम के बीच रेल कनेक्टिविटी खत्म हो गई थी। रामायण के अनुसार, रामसेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था जिस कारण पंबन ब्रिज आस्था के नजरिए से भी बहुत अहम है। ब्रिज के उद्घाटन के मौके पर मंडपम स्टेशन में जश्न का माहौल रहा। लोगों ने एक-दूसरे के बीच मिठाइयां बांटी।
श्रीलंका से लौटते समय राम सेतु का नजारा देखा
श्रीलंका से लौटते समय पीएम मोदी ने राम सेतु का नजारा देखा और हवाई दृश्य का वीडियो भी शेयर किया। उन्होंने लिखा, थोड़ी देर पहले श्रीलंका से लौटते समय राम सेतु के दर्शन का सौभाग्य मिला और, एक दिव्य संयोग की बात है कि यह उसी समय हुआ जब अयोध्या में सूर्य तिलक हो रहा था। दोनों के दर्शन का सौभाग्य मिला। प्रभु श्री राम हम सभी को जोड़ने वाली शक्ति हैं। उनकी कृपा हम सभी पर बनी रहे।
राम सेतु, एडम्स ब्रिज
राम सेतु, जिसे एडम्स ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाली एक श्रृंखला है। यह भारत के दक्षिण-पूर्वी तट से दूर रामेश्वरम द्वीप के बीच 48 किलोमीटर तक फैला है, जो श्रीलंका के मन्नार द्वीप को जोड़ता है। यह मन्नार की खाड़ी (दक्षिण), जो हिंद महासागर का एक प्रवेश द्वार है, को पाक जलडमरूमध्य (उत्तर), जो बंगाल की खाड़ी का एक प्रवेश द्वार है, से अलग करता है।
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