Tamil Nadu Fire: विरुधुनगर जिले के सत्तूर में पटाखा फैक्ट्री में आग, छह लोगों की मौत

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Tamil Nadu Fire: विरुधुनगर जिले के सत्तूर में पटाखा फैक्ट्री में आग, छह लोगों की मौत
Tamil Nadu Fire: विरुधुनगर जिले के सत्तूर में पटाखा फैक्ट्री में आग, छह लोगों की मौत
  • कई घायलों की हालत गंभीर, बढ़ सकती है मृतक संख्या 

Tamil Nadu Fire News, (आज समाज), चेन्नई: तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले (Virudhunagar district) में पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में विस्फोट होने के बाद आग लगने से करीब 6 लोगों की मौत हो गई है। घटना आज अलसुबह की है। दमकल विभाग ने बताया कि घटना जिले के सत्तूर इलाके की है। अधिकारियों ने बताया कि आग को बुझा दिया गया है और सभी  6 शव बरामद कर लिए गए हैं। मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम कर रहा है। पुलिस के अनुसार, कई घायलों की हालत गंभीर है इसलिए मृतक संख्या बढ़ सकती है।

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अभी तक मृतकों की पहचान की पुष्टि नहीं

प्रारंभिक जांच के अनुसार, संदेह है कि यह विस्फोट उस समय हुआ जब श्रमिक फैक्ट्री में पटाखे बना रहे थे। पुलिस ने अभी तक मृतकों की पहचान की पुष्टि नहीं की है। शुरुआत में पुलिस ने तीन लोगों के शव बरामद किए और बाद में उन्होंने अन्य मृतकों के शव भी बरामद किए।  विस्फोट के सही कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह पटाखे बनाने के दौरान बिजली के रिसाव या विस्फोटक पदार्थों के बीच घर्षण के कारण हुआ होगा।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक, मुआवजे का एलान

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और शोक संतप्त प्रत्येक परिवार को 4 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। इस घटना ने क्षेत्र के पटाखा उद्योग में सुरक्षा उपायों को लेकर चिंताओं को फिर से जगा दिया है।

पिछले साल 17 घटनाएं, 54 मौतें

विरुधुनगर में पटाखा फैक्ट्रियों में विस्फोट की घटनाएं आम हैं। पिछले साल अकेले 17 घटनाएं सामने आईं, जिसमें कम से कम 54 लोगों की जान चली गई। सितंबर में, सीएम स्टालिन ने जिले का दौरा किया और फैक्ट्री मालिकों से सुरक्षा प्रोटोकॉल को प्राथमिकता देने और आगे की त्रासदियों को रोकने का आग्रह किया।

चार लाख श्रमिकों को रोजगार

तमिलनाडु में पटाखा उद्योग 1,150 कारखानों में लगभग चार लाख श्रमिकों को रोजगार देता है। इसमें अकेले शिवकाशी का देश के पटाखा उत्पादन में 70 फीसदी योगदान है। अपने महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान के बावजूद, उद्योग की अक्सर अपर्याप्त सुरक्षा उपायों के लिए आलोचना की जाती है, जिसके कारण अक्सर हादसे होते हैं और लोग काल का ग्रास बन जाते हैं।

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