Tamil Nadu Legislative Assembly, (आज समाज), चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के विधायकों ने डीएमके के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ राज्य मंत्री के पोनमुडी और अन्य मंत्रियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया। आरोप है कि के पोनमुडी व अन्य मंत्रियों ने हाल ही में हिंदू धर्म के कुछ संप्रदायों और महिलाओं के खिलाफ अपनी टिप्पणियों के लिए विवाद खड़ा किया था।
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स्पीकर एम अप्पावु ने नहीं दी बोलने की इजाजत
एआईएडीएमके के महासचिव एडप्पाडी के पलानीस्वामी ने वॉकआउट के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि डीएमके मंत्रियों पर हमारा विश्वास खत्म हो गया है इसलिए पार्टी विधानसभा नियम 72 के अनुसार उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई लेकिन स्पीकर एम अप्पावु ने उन्हें इस पर बोलने की अनुमति नहीं दी। वॉकआउट करते समय, पार्टी नेताओं ने नारे भी लगाए, लोकतंत्र कहां है? लोगों के मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं है।
इन वजहों से लाए अविश्वास प्रस्ताव
एआईएडीएमके सदस्यों ने कहा, हमने अध्यक्ष को उनके कमरे में पत्र दिया। केएन नेहरू और उनके बेटे पर 7 अप्रैल को ईडी की छापेमारी चल रही थी…मंत्री के पोनमुडी ने महिलाओं और हिंदू धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की…वी सेंथिल बालाजी के टीएएसएमएसी कार्यालय की ईडी ने तलाशी ली। इसलिए, हमने एमके स्टालिन के मंत्रियों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पत्र दिया। लेकिन अनुमति नहीं दी गई।
मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण : पलानीस्वामी
पलानीस्वामी ने कहा, यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। इससे पहले, जब भी इस तरह के अविश्वास प्रस्ताव लाए गए थे, तो उन पर चर्चा की गई थी। पोनमुडी की टिप्पणी के बाद से उन्हें डीएमके के महासचिव पद से बर्खास्त कर दिया गया है, पार्टी सांसद कनिमोझी ने भी उनकी आलोचना की है। उन्होंने 12 अप्रैल को अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी मांगी है।
अनुचित शब्दों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं : पोनमुडी
पोनमुडी ने कहा, मैं थानथाई पेरियार द्रविड़ कझगम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते समय इस्तेमाल किए गए अनुचित शब्दों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं। मैंने तुरंत अपने द्वारा की गई अनुचित टिप्पणियों के लिए गहरा खेद महसूस किया। एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जो लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में है, मुझे निर्णय में इस चूक के लिए गहरा खेद है।
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