India-Sri Lanka Relations, (आज समाज), नई दिल्ली/चेन्नई: विदेश मंत्री एस जयशंकर की बेहतर कूटनीति की एक और मिसाल देखने को मिली है। उनके द्वारा मछुआरों का मुद्दा उठाए जाने के बाद श्रीलंका ने तमिलनाडु के 41 मछुआरों को रिहा कर दिया है। गौरतलब है कि हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके भारत दौरे पर आए थे और उस दौरान जयशंकर ने उनके समक्ष श्रीलंकाई सेना द्वारा पिछले वर्ष गिरफ्तार किए गए तमिलनाडु के 41 मछुआरों की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया था।
राष्ट्रपति दिसानायके ने दिया था आश्वासन
राष्ट्रपति दिसानायके ने विदेश मंत्री को आश्वासन दिया था कि श्रीलंका सरकार सभी मछुआरों को रिहा कर देगी। स्वदेश लौटकर दिसानायके ने मामले में हस्तक्षेप किया और भारतीय मछुआरों को रिहा करने का निर्देश जारी कर दिया गया। इसके बाद श्रीलंकाई अधिकारियों ने सभी 41 भारतीय मछुआरों को मंगलवार को रिहा करने का निर्देश जारी किया और आज सभी चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंचे।
मछुआरे 8 सितंबर को किए थे गिरफ्तार
श्रीलंका की नौसेना ने मछुआरों को पिछले साल आठ सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पार करने के आरोप में अरेस्ट कर लिया था। मछुआरों के परिवारों ने भारत सरकार से उन्हें रिहा करवाने की अपील की थी। उसके बाद से जयशंकर मछुआरों को रिहा करवाने में जुट गए थे। इसके बाद भारत दौरे पर आए श्रीलंकाई राष्टÑपति के समक्ष विदेश मंत्री ने मछुआरों को रिहा करने का आग्रह किया था।
35 मछुआरे रामनाथपुरम के निवासी
तमिलनाडु तटीय पुलिस के अनुसार 41 मछुआरों में से 35 रामनाथपुरम के निवासी हैं। अन्य मछुआरे पुदुकोट्टई और नागपट्टिनम जिलों के रहने वाले हैं। तमिलनाडु मत्स्य विभाग ने एयरपोर्ट पर मछुआरों का स्वागत किया। इसके बाद उन्हें उनके गृहनगरों तक छोड़ने की व्यवस्था भी की गई। बता दें कि इससे पहले श्रीलंका ने तमिलनाडु के 15 मछुआरों को रिहा किया था। वे 16 जनवरी को चेन्नई पहुंचे थे। तमिलनाडु के 504 भारतीय मछुआरे अब भी श्रीलंका की हिरासत में हैं।
रिपोर्टों के मुताबिक उनकी 48 मशीनीकृत मछली पकड़ने वाली नौकाएं जब्त हैं।
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