नई दिल्ली। आज लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही पर कृषि कानूनोंका मुद्दा छाया रहा। विपक्षी दलों ने आज दोनों सदनों में कृषि कानूनों को वापस लेनेकी मांग पर हंगामा किया। दोनों सदनों में विपक्ष ने अपनी मांगों को लेकर हंगामा किया। इस बीच दो बार लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित किया गया। लोकसभा में शाम पांच बजे जब फिर से कार्यवाही शुरू हुई, तब भी विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी जारी बंद नहीं की। संसद में किसान कानूनों के विरोध में लगातार नारेबाजी होती रहती है। राज्यसभा में भी कांग्रेस के नेतृत्व मेंविपक्षी दल नेकिसान आंदोलन के मुद्दे पर तुरंत चर्चाकराने की मांग लेकर हंगामा किया। इस कारण उच्च सदन की बैठक तीन बार स्थिगित की गई। बावजूद इसकेराज्यसभा की कार्यवाही नहीं चल पाई। सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि वे एक दिन बाद, बुधवार को राष्ट्रपति अभिभाषण पर होने वाली चर्चा में अपनी बात रख सकते हैं। इससे पहले शून्यकाल शुरू होने पर सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें नियम 267 के तहत नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, द्रमुक के तिरूचि शिवा, वाम सदस्य ई करीम और विनय विश्वम सहित कई सदस्यों के नोटिस मिले हैं। इस नियम के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर जरूरी मुद्दे पर चर्चा की जाती है।