कागजों में हेरफेर करके सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाया

0
345
आज समाज डिजिटल, पानीपत:
पानीपत। जिले के समालखा कस्बे से कागजों में हेरफेर करके सरकारी सुविधाओं का फायदा उठाने का मामला सामने आया है। बड़े भाई ने छोटे भाई के खिलाफ हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज को शिकायत दी। शिकायत में बताया गया कि उसके भाई ने अलग-अलग नाम और जन्म तारीख के तीन अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हुए हैं, जिससे वह अनेक फायदे उठा रहा है और कई बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है। गृहमंत्री ने पानीपत एसपी को इस मामले में तत्काल प्रभाव से केस दर्ज करने के निर्देश दिए। एसपी ने गृहमंत्री के निर्देशानुसार आरोपी देवेंद्र के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत केस दर्ज कर लिया है।

कई सरकारी सुविधाओं का लाभ अवैध तौर पर लिया

समालखा थाना पुलिस को दी शिकायत में मुकेश ने बताया कि वह गांव हलदाना तहसील समालखा जिला पानीपत का रहने वाला है। उसका छोटे भाई देवेंद्र ने अपने कागजों में बहुत हेरफेर किया हुआ है। उसने अपना नाम, जन्म तिथि बदली हुई है। इससे उसने कई सरकारी सुविधाओं का लाभ अवैध तौर पर लिया है। मुकेश का कहना है कि उसके भाई की सही जन्म तारीख 6 सितंबर 1978 है, जबकि उसने 4 फरवरी 1981 जन्म तारीख से दस्तावेज बनाए हुए हैं। उसने देवेंद्र की जगह विरेंद्र सिंह लिखवा कर 4 फरवरी 1986 का भी फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाया हुआ है। 24 अप्रैल 1991 को राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल महावटी में छठी कक्षा में दाखिला लिया था, जहां इसका नाम देवेंद्र पुत्र प्रेम सिंह जन्म तारीख 4 फरवरी 1981 दर्ज है। 1978 के हिसाब से 23 अप्रैल 2001 में उसने बिजली निगम से 1 मीटर कनेक्शन लिया, जिसमें अपना नाम देवेंद्र दर्ज करवाया।

हथियार लाइसेंस फरवरी 1986 की जन्मतिथि के हिसाब से बनवा लिया

2004 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोट भी डाली, जिसमें इसकी उम्र 26 वर्ष दिखाई गई। मौजूदा समय में देवेंद्र की आयु करीब 44 वर्ष होनी चाहिए, लेकिन नाम बदलने के साथ-साथ फर्जी तरीके से जन्मतिथि भी बदलकर इसने खुद को 35 से 36 वर्ष व 27 से 28 वर्ष दर्शाया हुआ है। इसने रोजगार कार्यालय में भी 1986 के हिसाब से जन्म तारीख लिखवा कर फायदा लिया। 2007 में वीरेंद्र नाम से हथियार लाइसेंस फरवरी 1986 की जन्मतिथि के हिसाब से बनवा लिया।

केवल खुद को फायदा पहुंचाया, बल्कि अनेकों बच्चों का नुकसान भी करवाया

13 जनवरी 2022 को मुकेश के बेटे राहुल ने इसकी शिकायत एसपी को दी थी। एसपी ने जांच सुरक्षा शाखा को सौंपी। सुरक्षा शाखा की जांच में सामने आया कि वीरेंद्र सिंह पुत्र प्रेम सिंह जन्म तिथि 4 फरवरी 1986 का पहला नाम देवेंद्र था, जिसका हरियाणा सरकार स्कूल रिकॉर्ड में 6 सितंबर 1978 व 4 फरवरी 1981 भी दर्ज है। बावजूद इसके जांच टीम ने यह लिखा कि देवेंद्र के उसकी जन्म तारीख व नाम बदलने से किसी को कोई लाभ हानि नहीं है। टीम ने जांच को खत्म कर दिया। मुकेश का कहना है कि देवेंद्र ने नाम और जन्म तारीख बदल कर न केवल खुद को फायदा पहुंचाया, बल्कि अनेकों बच्चों का नुकसान भी करवाया है।