Taiwan China Tension: ताइवान और चीन के बीच अब जंग की आहट, दोनों आमने-सामने

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Taiwan China Tension
ताइवान और चीन के बीच अब जंग की आहट, दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने

Aaj Samaj (आज समाज), Taiwan China Tension, बीजिंग/ताइपे: रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के मध्य जारी जंग के बीच दुनिया में एक और युद्ध की आहट दिखने लगी है और हालात इस कदर बन गए हैं कि कभी भी युद्ध छिड़ जाए। दरअसल, ताइवान को इसी सप्ताह के शुरू में नया राष्ट्रपति मिला है जिससे चीन बौखला गया है।

चीन के कट्टर विरोधी माने जाते हैं लाई चिंग-ते

ताइवान-चीन के बीच इसीलिए तनातनी बढ़ी है क्योंकि ताइवान के नवनियुक्त राष्ट्रपति लाई चिंग-ते चीन के कट्टर विरोधी माने जाते हैं और उन्होंने बतौर प्रेसिडेंट शपथ लेते ही चीन को हड़का दिया था। इससे बौखलाए चीन ने घातक हथियारों के साथ ताइवान को चारों ओर से घेर कर खतरनाक सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ ताइवान भी चीन को करारा जवाब देने को तैयार है। उसने भी अपनी सेना को रवाना कर दिया है।

ड्रिल में पूरी ताकत झोंक चुका है चीन

ड्रैगन ने इस सैन्य एक्शन को पनिशमेंट ड्रिल नाम दिया है। उसके मिलिट्री ड्रिल में सेना, नौसेना, वायु सेना के खतरनाक दर्जनों लड़ाकू विमान व रॉकेट फोर्स के अलावा लाइव मिसाइल भी शामिल हैं। इसका मतलब है कि चीन इस ड्रिल में पूरी ताकत झोंक चुका हैै। चीन सेना वॉरशिप से भी मॉक स्ट्राइक कर टारगेट को तबाह कर रही है।

इस जगह चल रही मिलिट्री ड्रिल

चीन का यह सैन्य अभ्यास ताइवान स्ट्रेट्स यानी जलडमरूमध्य, ताइवान के नॉर्थ, साउथ और पूर्व में हो रहा है। इतना ही नहीं, ताइवान के कंट्रोल वाले किनमेन, मात्सु, विकुउ और डोंगियन आइलैंड के आसपास के इलाकों में भी ड्रैगन सैन्य ड्रिल के जरिए अपनी ताकत दिखा रहा है। ताइवान के खिलाफ चीन की यह गीदड़भभकी पहली बार नहीं है। जब जनवरी में ताइवान में चुनाव हुए थे, तब भी चीन ने अपनी बौखलाहट दिखाई थी। उस वक्त चीन ने ताइवान के जल और एयर स्पेस में अपनी सैन्य गतिविधि और पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी।

ताइवान पर अपना कंट्रोल चाहता है बीजिंग

चीन की बौखलाहट की असल वजह है आजाद ताइवान। यानी चीन आजाद ताइवान के खिलाफ है और वह उस पर अपना कंट्रोल चाहता है। इसके अलावा उसकी बौखलाहट की वजह ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते हैं। पद संभालते ही राष्ट्रपति लाई ने कहा था कि ताइवान चीन से डरने वाला नहीं है। चीन ने इस पर फर्स्ट रिएक्शन में कहा था कि आजादी भूल जाओ। चीन ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई को अलगाववादी मानता है। वह नहीं चाहता था कि लाई और उनकी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) ताइवान पर रूल करे। लाई ने इसी साल जनवरी में चुनाव जीता है और इसी सप्ताह सोमवार को उन्होंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

ड्रैगन की जगह चल रही मिलिट्री ड्रिल

चीन का यह सैन्य अभ्यास ताइवान स्ट्रेट्स यानी जलडमरूमध्य, ताइवान के नॉर्थ, साउथ और पूर्व में हो रहा है। इतना ही नहीं, ताइवान के कंट्रोल वाले किनमेन, मात्सु, विकुउ और डोंगियन आइलैंड के आसपास के इलाकों में भी ड्रैगन सैन्य ड्रिल के जरिए अपनी ताकत दिखा रहा है। हालांकि, ताइवान के खिलाफ चीन की यह गीदड़भभकी पहली बार नहीं है। जब जनवरी में ताइवान में चुनाव हुए थे, तब भी चीन ने अपनी बौखलाहट दिखाई थी। उस वक्त चीन ने ताइवान के जल और एयर स्पेस में अपनी सैन्य गतिविधि और पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी।

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