Mumbai Attacks Convict, Tahawwur Rana, (आज समाज), नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड कोलमैन हेडली के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मामले से संबंधित मुकदमे और अन्य मामलों का संचालन करने के लिए अधिवक्ता नरेंद्र मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है।
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26 नवंबर, 2008 को 10 आतंकियों ने किए थे कई हमले
बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को, पाकिस्तान प्रायोजित लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग का उपयोग करके भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में घुसने के बाद मुंबई सीएसटी रेलवे स्टेशन, दो लक्जरी होटलों और एक यहूदी केंद्र पर एक साथ कई हमले किए थे। इन हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर हुसैन राणा अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी का करीबी सहयोगी है। वह पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक है।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को किया अधिसूचित
गृह मंत्रालय ने बीते कल यानि बुधवार को अधिसूचित किया कि केंद्र सरकार एडवोकेट नरेंद्र मान को एनआईए की ओर से दिल्ली और अपीलीय अदालतों में एनआईए विशेष अदालतों के समक्ष एनआईए मामले आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई से संबंधित मुकदमे व अन्य मामलों के संचालन के लिए विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करती है। इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 3 साल की अवधि के लिए या उक्त मामले के मुकदमे के पूरा होने तक नरेंद्र मान विशेष लोक अभियोजक रहेंगे।
राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा
हेडली एक याचिका सौदे के बाद अमेरिकी जेल में बंद है। बता दें कि राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है और एनआईए उसके यहां पहुचने पर उसे हिरासत में लेगी। अमेरिकी विदेश मंत्री ने 11 फरवरी को राणा के भारतीय अधिकारियों को प्रत्यर्पण को अधिकृत करने वाले आत्मसमर्पण वारंट पर हस्ताक्षर किए थे। राणा के कानूनी वकील ने बाद में उस आदेश को चुनौती देने के लिए एक आपातकालीन स्थगन प्रस्ताव दायर किया।
हमलों में मारे गए थे 160 से ज्यादा लोग
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 7 अप्रैल को राणा की प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका को अस्वीकार कर दिया। पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गुर्गों और मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार समूह को भौतिक सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिका में दोषी ठहराया गया था, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए थे।
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