- टैगोर बाल निकेतन सीनियर सैकेंडरी स्कूल में हुआ दास्तान-ए-अम्बाला नाटक का मंचन
Aaj Samaj (आज समाज),Tagore Bal Niketan Senior Secondary School, प्रवीण वालिया, करनाल, 24 जुलाई :
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सूचना, लोकसंपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग की ओर से टैगोर बाल निकेतन सीनियर सैकेंडरी स्कूल में दास्तान-ए-अम्बाला नाटक का मंचन हुआ। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सीटीएम अमन कुमार ने शिरकत की। नाटक का निर्देशन प्रसिद्ध रंगकर्मी मनीष जोशी के निर्देशन में हुआ।
इस दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सीटीएम अमन कुमार ने कहा कि हमें आजादी के वीर शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्हीं के बलिदान की वजह से हमें आजादी प्राप्त हुई और आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि रंगकर्मी मनीश जोशी की टीम ने आजादी की पहली लड़ाई 1857 में अम्बाला के गुमनाम नायकों के योगदान पर आधारित नाटक की प्रस्तुति की। यह प्रस्तुति बेहद शानदार रही। उन्होंने नाटक के माध्यम से अच्छा संदेश दिया है। आजादी बड़े बलिदानों के बाद मिली है, हमें अपनी मिट्टी के प्रति समर्पित रहना चाहिए। आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इसी कड़ी में लोकसंपर्क विभाग द्वारा इस तरह के नाटक की प्रस्तुति बेहद सराहनीय है। सीटीएम अमन कुमार ने रंगकर्मी मनीश जोशी, उनके कलाकारों की टीम व नाटक देख रहे टैगोर स्कूल के विद्यार्थियों को बधाई दी।
आजादी के आंदोलन में अम्बाला का रहा है महत्वपूर्ण योगदान
नाटक के निर्देशक मनीश जोशी ने बताया कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के मौक़े पर विशेष तौर से यह नाटक तैयार किया गया है। इस नाटक के माध्यम से बताया गया है कि आज़ादी कि पहली लड़ाई में अम्बाला का क्या योगदान रहा। इस नाटक का पहला मंचन अम्बाला में किया गया। इसके बाद सूचना लोकसंपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग द्वारा इसे हिसार, सिरसा, कैथल और करनाल में करवाया जा रहा है। अभिनय रंगमंच के कलाकारों ने इस नाटक को तैयार किया है। इस नाटक का लेखन यशराज शर्मा ने किया है, नृत्य संरचना डॉ राखी दूबे और संदीप नागर द्वारा की गई है। सह निर्देशन स्नेहा बिश्नोई द्वारा किया गया है। संगीत साहिल और प्रकाश व्यवस्था निपुण कपूर द्वारा की गई है।
उन्होंने बताया कि नाटक में दिखाया गया है कि किस तरह रानी दया कौर अंग्रेजों से लड़ी और देश की पहली महिला फ़ौज बनाई। अम्बाला के गुमनाम नायक बाबा मोहर सिंह ने किस तरह अंग्रेजों के खज़़ाने को लूटा और अंग्रेजों से लोहा लिया। अंग्रेजों ने मार्शल लॉ लगाकर बाबा मोहर सिंह को फाँसी पर लटका दिया। अभिनय रंगमंच के अध्यक्ष मनोज बंसल ने लोकसंपर्क विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल का विशेष तौर से धन्यवाद किया और कहा कि विभाग के सहयोग से आज नई पीढ़ी गुमनाम नायकों को जान पा रही है।
दास्तान-ए-अम्बाला का मंचन बेहद सराहनीय: राजन लांबा
टैगोर बाल निकेतन सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल राजन लांबा ने कहा कि यह उनके लिए गौरव की बात है कि दास्तान-ए-अम्बाला नाटक का मंचन उनके स्कूल में किया गया। नाटक की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इस नाटक के माध्यम से वास्तव में बच्चों ने आजादी के सघर्ष की गाथा जानी। इस आजादी को प्राप्त करने के लिए हमारे अनेकों वीर शहीदों ने बलिदान दिया। उन्होंने सूचना, लोकसंपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के नाटकों का मंचन नियमित होना चाहिए ताकि आने वाली युवा पीढ़ी को पता चले कि हमारे लोगों ने कितनी कुर्बानियां देकर आजादी प्राप्त की है।
टीम को दी 11 हजार की सम्मान राशि
नाटक दास्तान-ए-अम्बाला की प्रस्तुति पर टैगोर बाल निकेतन सीनियर सैकेंडरी स्कूल के निदेशक आरएम रहेजा ने निर्देशक मनीश जोशी की टीम को 11 हजार रुपये सम्मान राशि दी। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए अम्बाला के शहीदों का इतना योगदान रहा है, यह उन्हें स्वयं आज इस नाटक के माध्यम से पता चला है। हरियाणा सरकार की यह पहल सराहनीय है।
इस मौके पर कर्ण रहेजा, जिला सूचना जनसंपर्क अधिकारी मनोज कौशिक, स्कूल अध्यापक व विद्यार्थी मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें : Best Places : गर्मियों में घूमने के लिए 5 बेहतरीन जगहें
यह भी पढ़ें : Sawan Somvar Special: सावन सोमवार व्रत में बनाएं ये दो तरह के स्वादिष्ट मीठे पकवान
यह भी पढ़ें : 125 Feet High Shiva Temple : हरियाणा का एकमात्र लगभग सात गज भूमि पर बना 125 फुट ऊंचा शिव मंदिर