Aaj Samaj (आज समाज),TAAI On Go First, नई दिल्ली: एयरलाइन कंपनी गो-फर्स्ट के दिवालिया कार्रवाई के लिए आवेदन करने व अस्थायी तौर पर उड़ानें रद करने से देश की बाकी एयरलाइन कंपनियों पर बोझ बढ़ने की संभावना है जो भारतीय उड्डयन सेवाओं के लिए चिंता का विषय है। भारतीय ट्रैवल एजेंट्स के संघ (टीएएआई) ने यह बात कही है। टीएएआई के मुताबिक, उड़ानों को रद्द करना एयरलाइन उद्योग के लिए अच्छा नहीं है। यह राय जताते हुए कहा है कि गो फर्स्ट के इस कदम से क्षमता घटेगी और कुछ मार्गों पर विमान किराये बढ़ेंगे।
- उड़ानों को रद्द करना एयरलाइन उद्योग के लिए अच्छा नहीं : टीएएआई
आज से तीन दिन के लिए उड़ानें की हैं निलंबित
गौरतलब है कि प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) इंजन आपूर्ति संकट के बीच गो फर्स्ट ने आज यानि मई से तीन दिन के लिए अपने उड़ानें निलंबित कर दी हैं। साथ ही एयरलाइन ने दिवाला समाधान के लिए भी आवेदन किया है। टीएएआई की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा, यह एयरलाइन उद्योग के लिए काफी खराब स्थिति है। किंगफिशर एयरलाइंस में हमने करोड़ों रुपये गंवाए हैं। जेट एयरवेज में भी नुकसान हुआ है। अब एक और दिवाला समाधान सामने आ गया है।
17 साल से अधिक समय से परिचालन
ज्योति मयाल ने कहा कि पिछले 17 साल से अधिक समय से परिचालन कर रही गो फर्स्ट का यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जबकि घरेलू हवाई यातायात बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अभी हवाई यात्रा की मांग है क्योंकि यह छुट्टियों का समय है और हमें उन क्षेत्रों में किराया बढ़ने की संभावना दिख रही है जहां गो फर्स्ट उड़ान भर रही है। आगामी सप्ताहों में विमान किराये बढ़ेंगे।
रद्द उड़ानों के लिए पैसा लौटाना होगा : ज्योति मयाल
टीएएआई की अध्यक्ष ने टिकट बुकिंग पर कहा कि कंपनी को रद्द उड़ानों के लिए पैसा लौटाना होगा। लेकिन दिवाला समाधान की स्थिति में नियम कुछ अलग हैं। उन्होंने कहा कि इस समय हम कुछ ऐसी ही चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। 26 मार्च से 28 अक्तूबर तक के गर्मियों के शेड्यूल के मुताबिक, गो फर्स्ट को हर हफ्ते 1538 उड़ानें संचालित करनी हैं।
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