Fresh Clashes In Syria, (आज समाज), दमिश्क: सीरिया में झड़पों में 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सीरियाई सुरक्षा व सहयोगी बलों और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर असद के समर्थकों के बीच दो दिन हुई झड़पों में 1,000 से ज्यादा लोग काल ग्रास बने हैं। युद्ध निगरानी समूह के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।
14 साल के संघर्ष में सबसे घातक घटना
यूके स्थित सीरियन आब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स SOHR) ने लताकिया, टार्टस और हमा प्रांतों में 20 से ज्यादा जगहों पर मौतों की सूचना दी। एसओएचआर के मुताबिक यह सीरिया के 14 साल के संघर्ष में सबसे घातक घटनाओं में से एक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर लोग नजदीकी गोलीबारी में मारे गए हैं। मृतकों में 125 सरकारी सुरक्षा बल के सदस्य और असद से जुड़े 148 आतंकी भी शामिल हैं।
अधिकतर मृतक अलावी धार्मिक अल्पसंख्यक
आब्जर्वेटरी ने बताया है कि मारे गए अधिकांश नागरिक देश के अलावी धार्मिक अल्पसंख्यक थे। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया की अंतरिम सरकार ने शनिवार को देश के उत्तर-पश्चिम में तटीय शहरों में सुदृढीकरण भेजा, जहां सुरक्षा बल पूर्व शासक बशर अल-असद के प्रति वफादार लड़ाकों के साथ भीषण लड़ाई में लगे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा बलों ने शनिवार को कहा कि उन्होंने टारटस और लताकिया प्रांतों के अधिकांश क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, जहां अल-असद के वफादारों ने गुरुवार को चौकियों, सुरक्षा काफिलों और सैन्य ठिकानों पर समन्वित हमले किए थे।
लताकिया और अन्य तटीय क्षेत्रों में कर्फ्यू
स्थानीय मीडिया ने एक अज्ञात सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया है कि हमलों के बाद, कई लोग सरकारी सुरक्षा बलों पर हमले का बदला लेने के लिए तटीय क्षेत्रों में गए। उन्होंने कहा कि इन कार्रवाइयों के कारण कुछ व्यक्तिगत उल्लंघन हुए और हम उन्हें रोकने के लिए काम कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार लताकिया और अन्य तटीय क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू है, जो मुख्य रूप से अल-असद के अल्पसंख्यक अलावी संप्रदाय के घर हैं और उनके लंबे समय से समर्थक रहे हैं।
लड़ाकों से आत्मसमर्पण करने का आह्वान
हिंसा में वृद्धि के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में, सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने शुक्रवार को लड़ाकों से अपने हथियार डालने और बहुत देर होने से पहले आत्मसमर्पण करने का आह्वान किया।
दर्जनों नागरिक और पूर्व शासन के सदस्य व उनके परिवार लताकिया ग्रामीण इलाकों में रूसी खमीमिम बेस पर शरण लिए हुए हैं।
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